Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

गुरुवर

रुचिता नीमा
इंदौर (मध्य प्रदेश)
********************

जीवन की राहों पर
चलना आपसे सीखा है,
हर मुश्क़िल से पार निकलना
गुरुवर आपसे सीखा है।।

कच्चे धागे जैसे थे हम,
पल-पल टूट जाया करते थे,
मन को मजबूत कर रस्सी बनना
गुरुवर आपसे सीखा है।।

हर काम आसान नहीं,
सोचकर छोड़ दिया करते थे,
असम्भव को संभव बनाना,
हाँ गुरुवार आपसे सीखा है।।

समझ न थी सही गलत की,
हर बात में गलती होती थी,
सत्य की पहचान करना,
गुरुवर आपसे सीखा है।।

जब भी दुविधा में होती हूँ,
तो आप ही राह दिखाते हैं।
आपके वचन मेरे लिए
ईश्वर की वाणी बन जाते हैं।

भाग्यशाली हूँ बहुत,
जो गुरु का सानिध्य मिला है,
गुरु के आशीष से ही आज
मुझको सबकुछ मिला है,
सबकुछ मिला है….।।

परिचय :-  रुचिता नीमा जन्म २ जुलाई १९८२ आप एक कुशल ग्रहणी हैं, कविता लेखन व सोशल वर्क में आपकी गहरी रूचि है आपने जूलॉजी में एम.एस.सी., मइक्रोबॉयोलॉजी में बी.एस.सी. व इग्नू से बी.एड. किया है आप इंदौर निवासी हैं।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…..🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *