रूपेश कुमार
(चैनपुर बिहार)
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काश मेरा सपना सच हो जायें,
जीवन के बहुमुल्य समय सत्य हो जायें,
सबको अपना लक्ष्य प्राप्त हो जायें,
मन को छू लेने वाली कोई बात हो जायें,
काश मेरा सपना सच हो जायें,
विज्ञान की प्रगति से दुनिया को आलोकित किया जायें,
भौतिकी, रसायन , जीव की जीवनदान मिल जायें,
मनुष्यों मे जग-ज्योत जलाया जायें,
काश मेरा सपना सच हो जायें,
साहित्य से समाज का ज्योत जलाया जायें,
राजनीतिक की स्तंभ को रोशनी दिखाया जायें,
जीवन के दृव्य-दृष्टि को नई पहचान दिलाया जायें,
काश मेरा सपना सच हो जायें,
मौत के मुह से कैसे बचा जायें,
साँसो के साँस से कैसे बचा जायें,
नवजीवन को नव नवल नई नयन मिला जायें,
काश मेरा सपना सच हो जायें,
जीवन मे प्यार को प्यार मिला जायें,
आँखो से ओझल होकर दुनिया मिला जायें,
आरजू – गुस्त्जू से याद मिला जायें,
काश मेरा सपना सच हो जायें,
जीवन मे गणितीय अनुपात को मिला जायें,
खगोलीय विज्ञान की खोज किया जायें,
जिससे मंगलयान, चंद्रयान की नई युग बदला जायें,
काश मेरा सपना सच हो जायें,
जीवन मे ज्योतिषी विज्ञान का रँग लाया जायें,
देश दुनिया की भविष्य का पता लगाया जायें,
अपनी पुरानी संस्कृति को विश्व मे फैलाया जायें,
काश मेरा सपना सच हो जायें,
भारत देश मे डॉक्टर, इन्जीनियर की उपज बढ़ाया जायें,
विश्व मे भारत का मस्तक ऊँचा हो जायें,
वर्तमान एवं भविष्य का सपना सजाया जायें,
काश मेरा सपना सच हो जायें,
वैज्ञानिकों से विश्व मे भारत का नाम रोशन हो जायें,
इसरो, डी.आर.डी.ओ से विश्व को पीछे किया जायें,
पूरे विश्व के जुबान पे भारत से डरना सिखाया जायें,
काश मेरा सपना सच हो जायें !
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परिचय :-
नाम – रूपेश कुमार छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी, इसाई धर्म (डीपलोमा), ए.डी.सी.ए (कम्युटर), बी.एड (महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
निवास – चैनपुर, सीवान बिहार
सचिव – राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान
प्रकाशित पुस्तक – मेरी कलम रो रही है
कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !
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