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दामोदर विरमाल
महू – इंदौर (मध्यप्रदेश)
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प्रभु रामजी चल पड़े,,,,, सेना लेकर साथ।
आज सिया को लाएंगे, दे रावण को मात।
लंका होगी अग्निमय और रावण का संहार,
संग हनुमत सुग्रीव है,,, जामवंत भी साथ।
हे महादेव प्रण पूरा होगा आज मेरे श्रीराम का।
जबतक पूरा काम नही, नाम नही विश्राम का। २
महादेव हे महादेव, महादेव हे महादेव…..३
करदो धरा पवित्र आज, और असुरों का संहार।
बढ़ते पाप घटाओ प्रभु, सब दूर करो अंधकार।
अमरता है प्राप्त जिसे, ब्रह्मा ने ये वरदान दिया।
अंत करो उसका तुम हे जिसने अभिमान किया।
सत्य की होगी जीत ये दिन, आखरी है संग्राम का….
हे महादेव प्रण पूरा होगा आज मेरे श्रीराम का।
जबतक पूरा काम नही, नाम नही विश्राम का। २
महादेव हे महादेव, महादेव हे महादेव…..३
तीनो लोक के देवता तुमसे करते है ये पुकार प्रभु।
हो जाएंगे धन्य सभी पर,,,,, होगा ये उपकार प्रभु।
सत्य सनातन धर्म के लिए तुमने लिया अवतार प्रभु।
एक ही जाती हो मानव की अर्जी करो स्वीकार प्रभु।
दीप जले खुशियों के और,,, नाम हो बस श्रीराम का…
हे महादेव प्रण पूरा होगा आज मेरे श्रीराम का।
जबतक पूरा काम नही, नाम नही विश्राम का। २
महादेव हे महादेव, महादेव हे महादेव…..३
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परिचय :- ३१ वर्षीय दामोदर विरमाल पचोर जिला राजगढ़ के निवासी होकर इंदौर में निवास करते है। मध्यप्रदेश में ख्याति प्राप्त हिंदी साहित्य के कवि स्वर्गीय डॉ. श्री बद्रीप्रसाद जी विरमाल इनके नानाजी थे। हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान एवं आपके द्वारा अभी तक कई कविताये, मुक्तक, एवं ग़ज़ल व गीत लिखे गए है, जो आये दिन अखबारों में प्रकाशित होते रहते है। गायन के क्षेत्र कराओके गीत गाने में आप खासी रुचि रखते है।
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