कु.चन्दा देवी स्वर्णकार
जबलपुर (मध्य प्रदेश)
********************
ज्योत्सना अपनी पति जगदीश के साथ हॉस्पिटल में ३ दिन से एक ही बेंच पर बैठी टकटकी लगाए उस कमरे की ओर देख रही है जहां उसका बेटा भर्ती है डॉ. उसे मिलने नहीं दे रहे हैं सड़क दुर्घटना में वह इस तरह से घायल हो गया है की उसे डॉ. किसी भी तरह से नहीं बचा पा रहे हैं।
इन ३ दिनों में पति ने अनेकों बार उसे कुछ खा पी लेने के लिए कहा किंतु वह टस से मस न हुई और मन ही मन अनेक देवता देवी देवताओं को मनाती रही कि मेरे पुत्र को जैसे भी बने वैसे ठीक कर दो।
अन्दर से डाक्टरों का समूह जैसे ही बाहर निकला उनमें से एक ने जगदीश को अपने पास बुलाकर जो कुछ समझाया उसे सुन कर जगदीश के हाथ पैर ढीले पड़ गये वे एकदम से गिरते-गिरते बचे।
पत्नी ने पति के काँधे पर हाथ रखा और कहा- “मुझे बताते की जरूरत नहीं मैंने सब कुछ सुन लिया है। मेरा चिराग कुछ ही पल में जाने वाला है। अब हमें अपना दायित्व पूरा करना है। “पति इस तरह से पत्नी के एकाएक परिवर्तित रुप को देख कर ईश्वर की ओर निहार रहा।
पत्नी ने अस्पताल के आफिस में जाकर सारे प्रपत्रों को भरने के पश्चात पति से कहा- “मेरा चिराग किसी आँखों की रोशनी बनेगा, तो किसी के दिल की धड़कन, तो किसी के लीवर…. तो किसी की किडनी की ताकत…. हम अपने चिराग के प्रत्येक अंगों का दान करेगें हमारा चिराग अब अनेकों चिराग के रुप जीवित रहेगा। “आज मेरा चिराग इकलौता नहीं है अब वह हम दोनो के बीच में अनेकों रुप में रहेगा”।
हम दोनों का यही दान महादान है।
परिचय :- कुमारी चन्दा देवी स्वर्णकार
पिताश्री : स्व. तुकाराम जी
माताश्री : स्व. रामरती जी
निवासी : जबलपुर (मध्य प्रदेश)
शिक्षा : एम,ए बीएड
सम्प्रति : शिक्षक
लेखन : गद्य और पद्य
उपलब्धियां : माननीय भारत के राष्ट्रपति श्री एपीजे अब्दुल कलाम द्वारा राष्ट्रपति पुरस्कार, साहित्यिक सांस्कृतिक सामाजिक संस्थाओं के द्वारा सम्मानित।
विश्व बंधुत्व सेतु, ‘मारीशस-भारत” के द्वारा हिंदी मेघि सम्मान।
राष्ट्रीय साहित्य कलां मंच द्वारा जय शिवाजी सेवा सम्मान
विश्व जनसंख्या चेतना ट्रस्ट, श्रेष्ठ संचालक
बदलावमंच (राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय साहित्य मंच रजिझख) द्वारा “अंतर्राष्ट्रीय साहित्य सितारा सम्मान २०२१।
समरस संस्थान साहित्य सृजन द्वारा, समरस सम्मान
अखिल भारतीय अग्नि शिखा मंच इन्दौर द्वारा, साहित्य कलश में सम्मान।
विशेष : शासकीय सेवा में कार्यरत और बालिका शिक्षा को विशेष रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित कार्य करना।
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।
आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻
आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 hindi rakshak manch 👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें….🙏🏻.