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माँ की ममता

अनन्तराम चौबे “अनन्त”
जबलपुर (म.प्र.)

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माँ की ममता
बच्चों में होती है।
माँ स्नेह प्यार दुलार
की मूरत होती है।

बहू आने पर क्यों
ये रूप बदल जाता है।
क्या सास द्वारा दिये गये
वो दर्द याद आ जाते है।

सास-बहू के झगड़े तो
वैसे ही जग जाहिर हैं।
कभी सास पर कभी बहू
पर अत्याचार होते रहते हैं।

कोई बहू दहेज न लाई
जो माता-पिता की मजबूरी थी।
भाई-बहिनों की पढाई और भी
परिवार के खर्चो की मजबूरी थी।

पति, सास, ससुर सभी से
ऐसी बहू सताई जाती है।
पहले तो प्रताणित होती है
फिर तेल डाल जलाई जाती है।

एक बहू वो भी होती है
जो पति, सास, ससुर को
पैसे देकर खरीद लेती है
और सत्ता वही चलाती है।

पूरे घर में फूट डालती है
मनमानी हर पल करती है।
बदला लेने सास ससुर को
बृद्धाश्रम भिजवा देती है।

माँ की ममता बहू भी चाहती
जो माँ की ममता बच्चो में होती है।
सास बहू के इन झगड़ो में
अक्सर ये नौबत आती रहती है।

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परिचय :- अनन्तराम चौबे “अनन्त”
पिता : स्व. श्री रामदयाल चौबे
माता : श्रीमति रामकली बाई
निवासी : जबलपुर म.प्र.
जन्मतिथि : २१/०२/१९५२
शिक्षा : हाई स्कूल पास
सेवा निवृत्य : फ़रवरी २०१२ में रेलवे सुरक्षा बल जबलपुर से सेवा निवृत्य
सम्मान : दिनांक २०१७ से २०२० तक ३९ माह में ३११ सम्मान
लेखन : १९७० से काव्य लेखन शुरू किया, २०२० में २४६८ कविता रची आपकी ८० कवितायें जबलपुर, इन्दौर, कानपुर श्रीगंगानगर-राजस्थान,होशंगाबाद और अमेरिका के हम हिन्दुस्तानी पेपरों में प्रकाशित हुई हैं। दूरदर्शन केन्द्र भोपाल मध्यप्रदेश पर कविताओं का प्रसारण हुआ।
प्रकाशन : पांच काव्य संग्रह स्वमं के प्रकाशित, करीब दो दर्जन संयुक्त कार्य संकलन, हजारों कवितायें देश के कई पेपर पत्रिकाओं में प्रकाशित


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