रचयिता : सत्य प्रकाश भारद्वाज
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ममता
महिला कल्याण समिति की सभा में श्रीमती जॉर्ज ने अध्यक्षीय भाषण में विशेष जोर देते हुए कहा— “बच्चों को पाउडर वाला दूध पिलाना चाहिए अपना’ गाय या भैंस का दूध नहीं पिलाया जाए। इससे अनेक शारीरिक रोग उत्पन्न हो सकते हैं। विदेशों में महिलाओं ने इस ओर विशेष ध्यान देकर अपनी जवानी तथा सुंदरता को बनाए रखा है।”
इसके प्रभाव से उन धनाढ्य कालोनी में महिलाओं ने बच्चों को अपना दूध पिलाना बंद कर दिया।
श्रीमती कपूर ने अपनी आया को कहा, ‘देखो!.. मुन्ने को आज से यह पाउडर का दूध पिलाना है। मैं इसे अपना दूध नहीं पिलाउंगी ।’
‘यह आप क्या कह रही हैं?…. ”बीबीजी मां का दूध तो बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ‘मैं तो अपने लल्ला को अपना ही दूध पिलाती हूं।’
‘बहस ना करो! जैसा मैं कहती हूं वैसा ही करो।’ बच्चा डिब्बाबंद पाउडर का दूध पीने लगा। दूध पीते ही वह उल्टी कर देता था। एक दिन नौकरानी ने कह ही दिया।…’बीबी जी मुन्ने ने आज फिर दूध नहीं पिया। अब तो इसका चेहरा भी पीला पड़ता जा रहा है।’
बच्चे की हालत देखकर श्रीमती कपूर को रोना आ गया। उसने मुन्ने को उठाकर छाती से लगा लिया। मां की ममता जाग उठी और गलती का एहसास हो गया। उसके स्तनों से दूध झर-झर बहने लगा।
‘मुन्ना दो ही दिनों में किलकारियां भरने लगा।’
इसके प्रभाव से उन धनाढ्य कालोनी में महिलाओं ने बच्चों को अपना दूध पिलाना बंद कर दिया।
श्रीमती कपूर ने अपनी आया को कहा, ‘देखो!.. मुन्ने को आज से यह पाउडर का दूध पिलाना है। मैं इसे अपना दूध नहीं पिलाउंगी ।’
‘यह आप क्या कह रही हैं?…. ”बीबीजी मां का दूध तो बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ‘मैं तो अपने लल्ला को अपना ही दूध पिलाती हूं।’
‘बहस ना करो! जैसा मैं कहती हूं वैसा ही करो।’ बच्चा डिब्बाबंद पाउडर का दूध पीने लगा। दूध पीते ही वह उल्टी कर देता था। एक दिन नौकरानी ने कह ही दिया।…’बीबी जी मुन्ने ने आज फिर दूध नहीं पिया। अब तो इसका चेहरा भी पीला पड़ता जा रहा है।’
बच्चे की हालत देखकर श्रीमती कपूर को रोना आ गया। उसने मुन्ने को उठाकर छाती से लगा लिया। मां की ममता जाग उठी और गलती का एहसास हो गया। उसके स्तनों से दूध झर-झर बहने लगा।
‘मुन्ना दो ही दिनों में किलकारियां भरने लगा।’
लेखक परिचय :
नाम :- सत्य प्रकाश भारद्वाज
निवासी :- बांकनेर दिल्ली
पिता :- स्वर्गीय श्री पृथ्वी सिंह भारद्वाज
माता :- स्वर्गीय श्रीमती रामकली भारद्वाज
शिक्षा :- एम ए हिंदी, बी एड, साहित्य रतन, आयुर्वेद रतन,
प्रकाशित कृतियां :- लुटेरे छोटे-छोटे लघुकथा संग्रह, आशा की किरण
लघुकथा संग्रह :- देश की विभिन्न पत्रिकाओं में कविताएं व लघु कथाएं प्रकाशित
अप्रकाशित कृतियां :- नकली चेहरे लघुकथा संग्रह, अपना घर लघुकथा संग्रह, मैं तो हूं न,
कविता संग्रह सम्मान :- वर्ष २००४ में रोटरी क्लब द्वारा सर्व श्रेष्ठ अध्यापक व समाज सेवी सम्मान, २००५ में हिंदी दिवस के अवसर पर हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन सिरसा द्वारा हिंदी सेवी सम्मान, २००४ में बाबा बिहारी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सर्व श्रेष्ठ अध्यापक सम्मान, २०१० में जगमग दीप ज्योति मासिक पत्रिका अलवर द्वारा श्री कृष्ण मुरारी गोयल सम्मान, २०११ में १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्मानित,१५ मई २०१६ को डॉक्टर सुरेंद्र वर्मा अवार्ड
शोध कार्य :- लुटेरे छोटे छोटे लघुकथा संग्रह में सामाजिक चेतना विषय पर लघु शोध प्रबंध एम. फिर. कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से, दक्षिणी हिंदी प्रचारिणी सभा मद्रास से लघु शोध प्रबंध प्रकाशित।
नाम :- सत्य प्रकाश भारद्वाज
निवासी :- बांकनेर दिल्ली
पिता :- स्वर्गीय श्री पृथ्वी सिंह भारद्वाज
माता :- स्वर्गीय श्रीमती रामकली भारद्वाज
शिक्षा :- एम ए हिंदी, बी एड, साहित्य रतन, आयुर्वेद रतन,
प्रकाशित कृतियां :- लुटेरे छोटे-छोटे लघुकथा संग्रह, आशा की किरण
लघुकथा संग्रह :- देश की विभिन्न पत्रिकाओं में कविताएं व लघु कथाएं प्रकाशित
अप्रकाशित कृतियां :- नकली चेहरे लघुकथा संग्रह, अपना घर लघुकथा संग्रह, मैं तो हूं न,
कविता संग्रह सम्मान :- वर्ष २००४ में रोटरी क्लब द्वारा सर्व श्रेष्ठ अध्यापक व समाज सेवी सम्मान, २००५ में हिंदी दिवस के अवसर पर हरियाणा प्रादेशिक हिंदी साहित्य सम्मेलन सिरसा द्वारा हिंदी सेवी सम्मान, २००४ में बाबा बिहारी चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा सर्व श्रेष्ठ अध्यापक सम्मान, २०१० में जगमग दीप ज्योति मासिक पत्रिका अलवर द्वारा श्री कृष्ण मुरारी गोयल सम्मान, २०११ में १५ अगस्त को स्वतंत्रता दिवस समारोह में सम्मानित,१५ मई २०१६ को डॉक्टर सुरेंद्र वर्मा अवार्ड
शोध कार्य :- लुटेरे छोटे छोटे लघुकथा संग्रह में सामाजिक चेतना विषय पर लघु शोध प्रबंध एम. फिर. कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय से, दक्षिणी हिंदी प्रचारिणी सभा मद्रास से लघु शोध प्रबंध प्रकाशित।
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