Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मोहब्बत बड़ी ‘फालतू’ चीज है

=======================

रचयिता : आशीष तिवारी “निर्मल

सन् १९७८ में फिल्म आई थी ‘त्रिशूल’ जिस पर साहिर लुधियानवी साब द्वारा लिखा हुआ एवं लता जी किशोर कुमार जी के युगल स्वर में गाया हुआ एक गीत ‘मोहब्बत बड़े काम की चीज है’ काफी लोकप्रिय हुआ था। शायद…!ऐसा संभव रहा होगा कि उन दशकों में मोहब्बत बड़े काम की चीज रही होगी तभी तो यह गीत लिखा गया था। मोहब्बत करके लैला-मजनूं,शीरी-फरहाद बिना सोशल मीडिया में वायरल हुए ही लोकप्रिय हो गए और उनकी मोहब्बत ‘ट्रेंड’ पर रही। उनके किस्से कहानियों को सुनते-सुनते मोहब्बत करने की सनातनी परम्परा तभी से चली आ रही है। एक दौर ऐसा भी आया जब मोहब्बत करना मतलब पीएचडी करने जैसा होता था भोली भाली सूरत जिस पर मन ही मन मर मिटे होते थे उसका नाम और पता,पता करते-करते उसकी शादी का कार्ड घर आ जाता था, और आशिक को तभी पता चलता था कि उसकी लैला का नाम ‘लक्ष्मीरनिया’ था जो अब किसी और की गृह लक्ष्मी बनकर शोभा बढ़ाएगी। मोहब्बत का एक दौर ऐसा भी आया जब किसी की सांवली सूरत पे तो, किसी के चलने के अंदाज, तो किसी के जुल्फों की स्टाइल पर, तो किसी के बोली की मिठास से मोहब्बत होने लगी थी..। यह मोहब्बत उस वक्त सच्ची मोहब्बत मान ली जाती थी जब आशिक का स्वागत, सत्कार प्रेमिका  की गली मोहल्ले में विधिवत लात, जूते, घूँसों से हो जाया करता था। आइये अब चर्चा कर लेते हैं वर्तमान दौर की मोहब्बत की क्योंकि हमे सदा से ही बताया जाता रहा है कि वर्तमान में जिओ भूत और भविष्य की चिंता त्याग कर। इस समय की मोहब्बत को हम आभासी मोहब्बत कह सकते हैं क्योंकि इंटरनेट के दौर में जो मोहब्बत हो रही है वह आभासी ही है जिसका वास्तविकता या यूँ कहिए यथार्थ से दूर-दूर तक कोई लेना देना नहीं है। किसी की फेसबुक प्रोफाइल पिक देखकर किसी की वाटस्प डीपी या स्टेट्स देखकर तो किसी के द्वारा ‘ok’ की जगह ‘k’ लिखने की या सवाल जवाब के दौरान भैंसे वाली आवाज की तरह ‘hmmm’ लिखने की अति लोकप्रिय शैली पर ही मोहब्बत हुई जा रही है। इस दौर की मोहब्बत में अच्छे खासे पढ़े लिखे शुद्ध उच्चारण करने वाले लोग भी तोतले हो चुके हैं वाटस्प पर पूछा जा रहा है कि “मेले बाबू ने मेले छोना ने थाना थाया या नही थाया? इस यक्ष प्रश्न का उत्तर तोतलेपन के साथ यदि नहीं दिया जाये तो मोहब्बत सच्ची नही मानी जा रही है। आश्चर्य की बात यह है कि इंटरनेटी प्रेमिकाओं को जैसे ही कोई फेसबुक प्रोफाइल पर नया स्मार्ट बंदा दिख जाता है इनकी पहली मोहब्बत शनैः शनैः विलुप्तता की तरफ बढ़ती जाती है। बदलती डीपी बदलते वाटस्प स्टेट्स के साथ मोहब्बत भी बदल रही है। पहला-पहला प्यार है….छाई बहार है…गाने वाले समय जा चुके हैं। यह गीत अब आखिरी सांस ले रहा है बस…। अब तो बस गीत यही सच्चाई बयान कर रहे हैं। कि….सातवाँ…आठवाँ…प्यार है। छाई बहार है आ..जा मेरे बालमा … वर्ना नौवाँ तैयार है। मोहब्बत बडे़ काम की चीज है जैसे सुरीले गीत लिखने वाले गीतकार साहिर लुधियानवी ने शायद उस वक्त नही सोचा होगा कि समय के साथ मोहब्बत इतनी बदलेगी की उनके इस गीत को संशोधित करके मोहब्बत बड़ी “फालतू” चीज है लिखा जाएगा।

लेखक परिचय :- कवि आशीष तिवारी निर्मल का जन्म मध्य प्रदेश के रीवा जिले के लालगांव कस्बे में सितंबर १९९० में हुआ। बचपन से ही ठहाके लगवा देने की सरल शैली व हिंदी और लोकभाषा बघेली पर लेखन करने की प्रबल इच्छाशक्ति ने आपको अल्प समय में ही कवि सम्मेलन मंच, आकाशवाणी, पत्र-पत्रिका व दूरदर्शन तक पहुँचा दीया। कई साहित्यिक संस्थाओं से सम्मानित युवा कवि आशीष तिवारी निर्मल वर्तमान समय में कवि सम्मेलन मंचों व लेखन में बेहद सक्रिय हैं, अपनी हास्य एवं व्यंग्य लेखन की वजह से लोकप्रिय हुए युवा कवि आशीष तिवारी निर्मल की रचनाओं में समाजिक विसंगतियों के साथ ही मानवीय संवेदनाओं से परिपूर्ण, भारतीय ग्राम्य जीवन की झलक भी स्पष्ट झलकती है, इनकी रचनाओं का प्रकाशन एवं प्रसारण विविध पत्र-पत्रिकाओं एवं दूरदर्शन- आकाशवाणी के विविध केंद्रों से निरंतर हो रहा है। वर्तमान समय पर हिंदी और बघेली के प्रचार-प्रसार में जुटे हुए हैं।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *