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इश्क और अश्क

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रचयिता :  दिलीप कुमार पोरवाल “दीप” 

इश्क और अश्क
न नाम लो अश्कों का ,
इश्क में अश्क तो बहते ही हैं l
इश्क किया है इश्क करेंगे ,
इश्क में अश्क भी मोती से लगेंगे l
इश्क में अश्क तो बहते ही है,
अश्क भी गम और खुशी की कहानी कहते हैं l
लोगों का क्या, लोग तो कुछ भी कहेंगे,
वादा करो रो रो के अष्ट नहीं बहेंगे
जब भी बहेंगे अश्क तुम्हारे,
सोचना दिल मेरा रोया है l
नाम न लो अश्कों का,
इश्क में इश्क तो बहते ही हैं l
इश्क का अश्क से रिश्ता है पुराना
इसलिए मेरे अश्कों पर ना जानाl
ना नाम लो अश्कों का,
इश्क में अश्क तो बहते ही ll

लेखक परिचय :- नाम :- दिलीप कुमार पोरवाल “दीप”
पिता :- श्री रामचन्द्र पोरवाल
माता :- श्रीमती कमला पोरवाल
निवासी :- जावरा म.प्र.
जन्म एवं जन्म स्थान :- ०१.०३.१९६२ जावरा
शिक्षा :- एम कॉम
व्यवसाय :- भारत संचार निगम लिमिटेड


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