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मोहब्बत

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सौरभ कुमार ठाकुर

जब आपने कह दिया है तो क्यों रुकेंगे
किसी के सामने हम अब क्यों झुकेंगे।

मोहब्बत किया है हमने, कोई चोरी नही
मरे सारी दुनिया परन्तु हम क्यों मरेंगे।

दिल में उसे बसाया है सच में सौरभ
भूलें सारी दुनिया पर उसे नही भूलेंगे

डर नही किसी का भी अब मोहब्बत में
मोहब्बत किया है तो पूरा करके छोड़ेंगे।

वायदा किया है उससे सातों जनम का
तो साथ ही जिएंगे और साथ ही मरेंगे।

हम वो मौसम नही की साल में एकबार आए
अब किया है मोहब्बत तो हरसंभव निभाएँगे।

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परिचय :-
नाम- सौरभ कुमार ठाकुर
पिता – राम विनोद ठाकुर
माता –
कामिनी देवी
पता – 
रतनपुरा, जिला-मुजफ्फरपुर (बिहार)
पेशा –
१० वीं का छात्र और बाल कवि एवं लेखक
जन्मदिन –
१७ मार्च २००५
देश के लोकप्रिय अखबारों एवं पत्रिकाओं में अभी तक लगभग ५० रचनाएँ प्रकाशित
सम्मान-हिंदी साहित्य मंच द्वारा अनेकों प्रतियोगिताओं में सम्मान पत्र, सास्वत रत्न, साहित्य रत्न, स्टार हिंदी बेस्ट राइटर अवार्ड – २०१९ इत्यादी।


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