डाॅ. राज सेन
भीलवाड़ा (राजस्थान)
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अनवरत पथ पे जो चला है।
जीवन जीना एक कला है।।रास्ते हैं बाधा आएगी जरूर।
रहे हर हाल में खुशी भरपूर।।हौसलों से हर संकट टला है।
जीवन जीना एक कला है।।अच्छे के साथ अच्छा रहना।
बुरे का भी हर बर्ताव सहना।।माफ करें जिसने भी छला है।
जीवन जीना एक कला है।।जीवन नाटक हम कलाकार हैं।
निभायें जो भी मिला किरदार है।।ना कोई बुरा ना कोई भला है।
जीवन जीना एक कला है।।सबकी अपनी अपनी कहानी।
कहीं आग है तो कहीं है पानी।।वक्त आने पे टलती हर बला है।
जीवन जीना एक कला है।।‘राज’ खुश रहकर चलता चल।
दिव्य ज्योति बनकर सदा जल।।प्रभु-प्रेम की पलकों में पला है।
जीवन जीना एक कला है।।
परिचय : डाॅ. राज सेन
शिक्षा : नेट, विद्यावाचस्पति, तीन भाषाओं सहित चार विषयों में स्नातकोत्तर, अन्तर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय स्तर पर संत काव्य की पवित्रता के पक्षधर,
सम्प्रति : सहायक आचार्य-हिन्दी, श्रीमती नारायणी देवी महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय भीलवाड़ा ( राज.)
निवासी : भीलवाड़ा (राजस्थान)
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