Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

साहित्य और समाज

**********

रचयिता : रूपेश कुमार

हम सभी जानते हैं कि साहित्य समाज का दर्पण होता है ! साहित्य के बिना समाज की कल्पना करना निरर्थक है ! साहित्य से ही समाज का निर्माण होता है एवं समाज की कुरीतियों का विनाश न  होता अगर साहित्य न होता , तो समाज की कुरीति राजनीतिक कुरीति का विनाश भी नहीं होता ! साहित्य समाज को रास्ता दिखाता है किस रास्ते से समाज को चलना चाहिए ! राजनीतिक को भी गिरने से साहित्य ही बचाता है वरना साहित्य नहीं होता तो आज की राजनीतिक और कचरा हो गई होती ! साहित्य के बिना समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है ! वर्तमान में समाज में जितने  कुरीतियां हो रही है वह साहित्य के अनदेखा मे ही हो रहा है समाज से ही साहित्य का उदय होता है और साहित्य से ही समाज का उदय होता क्योंकि साहित्य समाज का दर्पण है मेरी कविता ~~~

समाज को साहित्य का मिला है सहारा ,
भला उनको कचड़े से बचाओगे कब तक ?

जो मिलते हृध्य से मिलते रहेगे ,
भला उनको उनसे छूड़ाओगे कब तक ?

प्यारे प्योधी मे रहते हमेशा ,
भला उनको रास्ता दिखाओगे कब तक ?

आजीवन अकेला – अकेला ही रहते ,
समाज को साहित्य से मिलाओगे कब तक ?

सिनेमा राजनीतिक हमेशा ऊलझते ,
भला उनको समझाओगे कब तक ?

समाज को साहित्य हमेशा उठाते रहते ,
वरना वर्तमान समाज कहाँ कहाँ गिरते ?

लेखक परिचय :- 
नाम – रूपेश कुमार छात्र एव युवा साहित्यकार
शिक्षा – स्नाकोतर भौतिकी, इसाई धर्म (डीपलोमा), ए.डी.सी.ए (कम्युटर), बी.एड (महात्मा ज्योतिबा फुले रोहिलखंड यूनिवर्सिटी बरेली यूपी) वर्तमान-प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी !
निवास – चैनपुर, सीवान बिहार
सचिव – राष्ट्रीय आंचलिक साहित्य संस्थान
प्रकाशित पुस्तक – मेरी कलम रो रही है
कुछ सहित्यिक संस्थान से सम्मान प्राप्त !


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *