Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

हर कोई रंज में डूबा जैसा

संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
भोपाल (मध्यप्रदेश)

********************

मुल्क का मंजर ऐसा।
हर कोई रंज में डूबा जैसा।
हर कोई अरज करे ऐसा,
मरज दूर हो जैसा।
मुल्क पर कोरोना खंजर ऐसा।
हर कोई लहू में डूबा जैसा।
मुल्क पर कोरोना अंगार ऐसा।
हर कोई आग में जल रहा जैसा।
मुल्क पर कोरोना
की धुंध छाई ऐसी।
हर कोई आग में जल रहा जैसा।
मुल्क पर कोरोना
की धुंध छायी ऐसी।
हर कोई तड़प रहा
चंद सांसों के लिए जैसा।
मुल्क पर कोरोना
विपदा बस्ती पर ऐसी।
हर कोई अपनी डूबती
कश्ती बचा रहा जैसा।
मुल्क पर कोरोना की गंध ऐसी।
हर कोई अपने घर बंदी बना जैसा।
मुल्क का मंजर ऐसा
कई मइयते देखी ऐसी।
हर कोई कोरोना तपन
में जलने लगा जैसा।
मुझे मेरे मुल्क पर गुरुर ऐसा।
मेरा मुल्क मेरा चमन जैसा।
मेरे मुल्क पर कोरोना।
इनायत कर ऐसे।
मेरा मुल्क गुलशन बनेगा जैसे।
मेरे मुल्क में कोरोना
का इलाज होगा ऐसे।
एक दिन मेरा मुल्क
गुलफाम बनेगा अवश्य।
मेरे मुल्क का मंजर फिर से खुशहाल।
होगा अवश्य।

परिचय :- श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
निवासी : भोपाल (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…..🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *