Sunday, September 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

जज़्बा

***********

रचयिता : मीनाकुमारी शुक्ला – मीनू “रागिनी”

आँधियों जैसा जीवन  मेरा  तूफानों  सी राहें है।
झंझावत के साथ  झूमती मेरे  अटल   इरादे हैं।।
.
जज़्बात मुझे न पिघला सकते हैं फूल न सहला सकते।
पाषाणों में  पली  ख़ारों में    हंसने   के   वादे हैं।।
.
उल्टी धारा में हूँ  बहती  लहरें  मुझे  क्या रोकेंगी।
चक्रवातों में फसी हुई मैं नयी राह बनाने के दावे हैं।।
.
शोलों से करती श्रृंगार  लहू  माँगती  मंजिल मेरी।
चलती जलती चट्टानों पर  मेरे  पैरों  में  छाले हैं।।
.

मरघट से मैं लौट चुकी हूँ मौत न मुझ को रोक सकी।
कोई ठोकर क्या देगा मुझ को मैंने ज़ख्म खुद पाले हैं।।

लेखक परिचय :-  नाम – मीनाकुमारी शुक्ला
साहित्यिक उपनाम – मीनू “रागिनी “
निवास – राजकोट गुजरात 


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *