जीवन हो राष्ट्र समर्पित
रचयिता : रीतु देवी
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हमारा जीवन हो राष्ट्र समर्पित,
तन, मन, धन सब अर्पित।
वीर शहीदों भाँति करें राष्ट्र प्राण न्यौछावर,
राष्ट्र हित कार्य कर, लाऐं खुशियाँ बहार।
हमारा जीवन हो राष्ट्र रक्षा हरदम तैयार,
बुरी नजर डालने वालो को
फोड़ दे आँखें हर बार।
भूखे भेड़ियों को भगाए सात समुंदर पार,
साजिश रचनेवाले सत्ता की कुर्सी लोभियों को
करें मिलकर हम बारम्बार तिरस्कार।
याद रखकर शहीदों की जीवन कुर्बानी,
राष्ट्र प्रेम कर दे बारम्बार जीवन बलिदानी।
हमारा जीवन हो राष्ट्र समर्पित,
तन, मन, धन सब कुछ अर्पित।
लेखीका परिचय :- नाम – रीतु देवी (शिक्षिका) मध्य विद्यालय करजापट्टी, केवटी दरभंगा, बिहार
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