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जीवन की नौका

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रचयिता : शिवम यादव ”आशा”

ये जिंदगी है
   फ़ूल, बेल, लताओ
      की तरह
लेने हिलोरे है लगती
बहती हवाओ के सहारे
गम और खुशियो
के मोती पिरोकर
गले में माला
डाल देती है हमारे
अन्तता तक जीवन
में खुशियो के लिए
दौड़ हम करते रहे
खुद ही खुद से
लड़ झगड़ कर
जीवन की नौका
में विहार हम
करते रहे
क्योंकि
बहुत चलकर
देख सुनकर
जिंदगी के साथ
अकेले के अकेले
ही रहे
लेखक परिचय : नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ”आशा” है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं
रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन “

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