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आओ मिल जुल होली मनाएँ

धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
बालोद (छत्तीसगढ़)
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प्रेम के रंग में रंग जाओ भाई,
होली परब पर आत्मीय बधाई|
काम क्रोध लोभ मोह को जलाओ रे,
अंतस मन अंहकार को दूर भगाओ रे|
यही संदेश देते शुभ घड़ी आई…..

ईर्ष्या जलन द्वेष भाव को दफनाओ रे,
समाज में फैले कुरीतियों को भगाओ रे|
जीवन की यही असली सच्चाई …..

बुराई हराकर अच्छाई के हार पहन लो,
दया प्रेम करुणा का गहना अपना लो|
परिवार सुसंस्कारी बनाओ भाई …..

चोरी नशा दुराचार भष्टाचार को मिटाओ,
संवर जायेगा देश सदाचार को अपनाओ|
संकल्पित भाव से ज्योति जलाई…..

जल जंगल जमीन प्रकृति के अंग है,
पर्यावरण मित्र बनो जीने के ढंग है|
‘धर्मेन्द्र’ फूलों की होली मनाई….

परिचय :- धर्मेन्द्र कुमार श्रवण साहू
निवासी : भानपुरी, वि.खं. – गुरूर, पोस्ट- धनेली, जिला- बालोद छत्तीसगढ़
कार्यक्षेत्र : शिक्षक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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