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नेता बनाम नेतृत्व

विजय गुप्ता
दुर्ग (छत्तीसगढ़)
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जैसे विद्या और विद्यार्थी का सहज सरल है रास्ता,
विकास कदम ही व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता।

शिक्षा संस्कार का प्रारंभिक दौर भ्रामकता दूर करे
कथनी करनी का अंतर प्रयासों से ही पूर्ण करे

वर्ष-दर-वर्ष व्यक्ति अपना व्यक्तित्व ही पालता।
विकास कदम ही व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता।

कर्म जगत में मानव अपना करम ही तो करता है
निज कृतत्वों से समाज, संस्था चिन्हित करता है

कृतत्व निहित नेतृत्व कला को समाज पहचानता
विकास कदम ही व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता।

संगठन और विधान परिभाषा बहुधा ही गुमनाम है
नेतृत्व क्षमतावान और नेता कभी नहीं सह- नाव हैं

नेता बनके इर्द-गिर्द बस चमचों को ही पालता,
विकास कदम ही व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता।

नेतृत्व गुण सिखलाये समान भाव नीतिगत निर्णय
चाटुकार फ़ौज के दम से नेता निष्क्रिय और निर्भय

सत्ता संगठन की बैसाखी पर निज प्रशंसा से नाचता,
विकास कदम ही व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता।

ऊंचे मंचों की शान प्रतिष्ठा का महज होता दिखलावा,
नेताओं की पहचान बना है मात्र उनका पहनावा

मीडिया, फोटो, विज्ञप्ति की खबरों को ही छानता,
विकास कदम ही व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता।

व्यक्ति के निज वक्तव्यों की परस्पर हो जाये सगाई
नेतृत्व कृतत्व की राहें ,कभी ना बन पाए हरजाई

चमचों की बिसात क्या फिर, बस नेतृत्व को मानता,
विकास कदम से व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता।

नेतृत्व कला कहानी अदभुत गुणों की होती खान
अनुकरण अनुसरण साधना दशा दिशा मान सम्मान

लक्ष्य प्राप्ति संगठन शक्ति भली-भांति वो जानता,
विकास कदम से व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता।

शारीरिक भाषा, चितवन और शब्दों अर्थों का खयाल
कोरे दंभी बेहूदी भाषा- भाषी समझें पूरा मायाजाल

देश हित जन हित कर्म अंतर्मन में ही वो धारता,
विकास कदम से व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता।

जैसे विद्या और विद्यार्थी का सहज सरल है रास्ता ।
विकास कदम ही व्यक्ति और व्यक्तित्व का वास्ता ।

परिचय :- विजय कुमार गुप्ता
जन्म : १२ मई १९५६
निवासी : दुर्ग छत्तीसगढ़

उद्योगपति : १९७८ से विजय इंडस्ट्रीज दुर्ग
साहित्य रुचि : १९९७ से काव्य लेखन, तत्कालीन प्रधान मंत्री अटल जी द्वारा प्रशंसा पत्र
काव्य संग्रह प्रकाशन : १ करवट लेता समय २०१६ में, २ वक़्त दरकता है २०१८
राष्ट्रीय प्रशिक्षक : (व्यक्तित्व विकास) अंतराष्ट्रीय जेसीस १९९६ से
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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