Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

लक्ष्मी अम्मा

लक्ष्मी अम्मा

===================================================

रचयिता : कुमुद दुबे

  अम्मा तुम आज घुमने नहीं गयीं ? रश्मि ने घर की सीढियां चढते हुये अम्मा से पूछा।
अम्मा बोलीं बेटा आज मनी और आर्यन हैदराबाद को जा रहे हैं उसी को तैयारी है। रश्मि आश्चर्य मुद्रा में बोली अरे क्या बात है, अचानक क्यों? अम्मा सहज भाव से बोली श्री का विशाखापटनम ट्रांसफर हो गया है, तो अभी हम हैदराबाद में रहेगा, वहां मनी का मम्मी पापा रहता है ना, श्री का बाहर रहने से उनका हेल्प रहेगा।
विशाखापटनम जाने का पहले श्री हमकु सेटल करको जायेगा। हैदराबाद में मनी को टीचर का इंटरव्यू देने का है आर्यन के लिये स्कूल का एडमीशन ट्राय करेंगे, और रेंट का घर देखेने का है इसीलिये ….। और आप कब जायेंगी? बात के बीच में ही रश्मि बोल पड़ी। अम्मा बोलीं – मैं वन वीक बाद जायेगी…..
जब श्री वापस आको थोड़ा पेंडिंग काम और सामान लेको जायेगा।
अम्मा से बात करते हुये रश्मि अम्मा के अंतर्मन की अवस्था पढ़ना चाह रही थी।
अचानक बदली स्थिति में भी कोई उथल पुथल नहीं, वही प्रखरता ! न शहर छोड़ने का दुख ना ही अपने गांव के नजदीक शहर जाने की खुशी दिखी। ऐसा लगा जैसे उनकी दुनियाॅ बहू बेटा और पोते तक ही सीमित है।
लक्ष्मी अम्मा दो वर्ष पहले ही बेटे श्रीनिवासन बहू मनीरत्ना और दो वर्षीय पोते आर्यन के साथ रश्मि के मकान में किराये से रहने आयीं थीं। अम्मा तब तेलगू भाषा ही जानती थी। दो वर्षों में हिन्दी समझना और थोड़ा बोलना आ गया था।
मनी एज्यूकेटेड थी इसी वजह से उसे भोपाल के एक अंग्रेजी स्कूल में शिक्षिका की नौकरी मिल गई थी। अम्मा को कभी आराम से बैठा नहीं देखा दिन भर कुछ न कुछ काम में लगी रहती। सुबह दूध लाना, सबके लिये काॅफी नाश्ता बनाना बाहर पोर्च में रांगोली डालना……
अगरबत्ती की सुगंध पूजा हो जाने का अहसास करा देती।
आर्यन को स्कूल छोड़ के लौटती तब वापसी में मोहल्ले के लोगों से बोले बिना नहीं रहतीं। पूरी कालोनी अम्मा को जानने लगी थी। पास के बाजार जाती तो रश्मि को पूछती बेटा कुछ लाना है क्या ? कहने भर की देर अम्मा मीठा नीम खत्म हो गया है, शाम को घुमने निकलती मीठा नीम किसी के भी घर से लाकर दे देती। किसी के स्वास्थ खराब की बात होती, घरेलू नुस्खे बताये बिना नहीं रहतीं। दो वर्ष में वह पूरी काॅलोनी की अम्मा बन गयी थीं। रश्मि ने एक बार अम्मा से कह दिया कि उसे साउथइंडियन डिशेज अच्छी लगती हैं फिर क्या था ! अम्मा शाम को रश्मि के ऑफिस से आने का इंतजार करने लगीं। अलग अलग प्रकार का ढेर सारा नाश्ता मनी के हाथ पहुंचाने का रोज का ही क्रम बन गया था उसका।
रश्मि उनके इस वात्सल्य में माँ का स्वरूप देखने लगी थी।
दूसरे दिन सुबह-सुबह श्री एक सप्ताह में लौटने का कहकर मनी और आर्यन के साथ चले गये।
उनके जाने के बाद अम्मा की दिनचर्या वैसी ही चलती रही, जैसे वे यहीं रहने वाली हों। एक सप्ताह बीत गया था, श्री हैदराबाद में घर की व्यवस्था करके लौट आये थे उसी दिन शाम को वापसी थी। रश्मि ऑफिस से लौटी उसने देखा अम्मा ने बिना किसी की सहायता लिये सारा सामान बांधकर रख लिया था। तुलसी के पास रांगोली और दीपक लगा हुआ था।
घर के सामने टेक्सी खड़ी देख पूरा मोहल्ला इक्ट्ठा हो गया था। अम्मा को बिदा करते सभी की आँखें भर आयीं थी। पर अम्मा ने टेक्सी में बैठने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनका ध्यान अब अगले शुभ की ओर था।
रश्मि का ध्यान ओझल होने तक टेक्सी पर था। घर में ऑफिस का बेग रख वह फिर निकल पड़ी ढुंढने दूसरी लक्ष्मी अम्माॅ ……!!

लेखिका परिचय :-  कुमुद के.सी.दुबे
जन्म- ९ अगस्त १९५८ – जबलपुर
शिक्षा- स्नातक
सम्प्रति एवं परिचय- वाणिज्यिककर विभाग से ३१ अगस्त २०१८ को स्वैच्छिक सेवानिवृत। विभिन्न सामाजिक पत्र पत्रिकाओं में लेख, कविता एवं लघुकथा का प्रकाशन। कहानी लेखन मे भी रुची।
इन्दौर से प्रकाशित श्री श्रीगौड नवचेतना संवाद पत्रिका में पाकशास्त्र (रेसिपी) के स्थायी कालम की लेखिका।
विदेश प्रवास- अमेरिका, इंग्लैण्ड एवं फ्रांस (सन् २०१० से अभी तक)।

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर मेल कीजिये मेल करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर कॉल करके सूचित अवश्य करें … और अपनी खबरें, लेख, कविताएं पढ़ें अपने मोबाइल पर या गूगल पर www.hindirakshak.com सर्च करें…🙏🏻

आपको यह कविता अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और खबरों के लिए पढते रहे hindirakshak.com  कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने मोबाइल पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक के ब्राडकॉस्टिंग सेवा से जुड़ने के लिए अपने मोबाइल पर पहले हमारा नम्बर ९८२७३ ६०३६० सेव के लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *