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अन्तिम जश्न

शरद सिंह “शरद”
लखनऊ

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“हास्य-व्यंग”

बैठे बैठे एक ख्याल आया,
अब तो बैकुन्ठ जाने का समय आया,
पर वह अन्तिम जश्न, जश्न क्या?
जिसमे होठो ने न गुनगुनाया
जिसमे जोर जोर से ताली न बजाया|
कौन होगा जो आँसू
के साथ नगमे भहाये,
और यदि किसी ने सुनाया
तो तरन्नुम मे न सुनाया,
भगैर तरन्नुम के कौन बजायेगा ताली,
न बजी ताली तो क्या
अन्तिम जश्न मनाया,
किससे कहूँ जो लिखे कुछ नगमे,
फिर सुनाये मस्त हो मृत्यु जश्न में,
सोचा न जाने कौन क्या लिखेगा,
किसी के मन मस्तिष्क मे भी चढे़गा?
चलो छोड़ो खुद ही लिखते है
कुछ पंक्तियां अपनी मौत की,
पकी पकाई कौन न खाना चाहेगा,
हर कोई पढ़ नाम करना चाहेगा|
यह सोच लिख डाला
दो पन्नों का मृत्यु काव्य
पढ़ कर हुआ सन्तुष्ट हृदय
एक काम निबटा डाला
अब पढेंगा कौन?
विकट प्रश्न आ मडराया
फिर चिडि़या के पंजो से
निशां जैसे शब्दो को समझेगा कौन
लेखिनी दाँतों मे दबा
होठो के एक कोने को नीचा कर,
बहुत विचार किया
कुछ समझ न आया
मुद्रा बदली लेखिनी को
एक से दूसरे हाथ मे पहुॅचाया
सोचने की मुद्रा सही तो है
सामने आइने मे निहारा
और झट एक चेहरा
सामने आ मँडराया
अरे वही श्रीमान एस.
फोन लगाया झट आने
का फरमान सुनाया,
वह दौड़ते हाँफते आ बोले
क्या हुआ? इतनी फास्ट
स्पीड मे क्यो बुलाया?
उनको एक एक चीज को समझाया
शब्द का मतलब दस दस बार बताया
तब उनकी कुछ समझ आया,
बोले ठीक है कब होगा कार्यक्रम
कभी भी हो सकता है
यह तो अचानक ही बनता है
वह कुछ सोचते से बोले
एक दो दिन पहले से बता देना,
हमे भी तो होगी तैयारी करना|
रविवार को तो बिल्कुल नही
सोमवार कुछ जमता नही
मंगलवार तो छोड़ ही दो
बुधवार का कार्यक्रम रखते है
तीन दिन है आपके पास
सारी तैयारी करनी है अभी
आने बालो की लिस्ट भी बनानी है
मेरा सिर चकराया यह क्या
इतनी जल्दी मर जाऊँ
कुछ तो और दुनियां मे रह जाऊँ
मैने कहा भाया! इतनी जल्दी?
वह बोला इसके बाद समयाभाव है
पढ़ने बालो के बढ़ने बाले भाव है
मन नही मरने को इतनी जल्दी
फिलहाल मरने का कार्यक्रम स्थगित
कोई और तारीख निश्चित करते है
आपको अवश्य सूचित करते है

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लेखक परिचय :- बरेली के साधारण परिवार मे जन्मी शरद सिंह के पिता पेशे से डाॅक्टर थे आपने व्यक्तिगत रूप से एम.ए.की डिग्री हासिल की आपकी बचपन से साहित्य मे रुचि रही व बाल्यावस्था में ही कलम चलने लगी थी। प्रतिष्ठा फिल्म्स एन्ड मीडिया ने “मेरी स्मृतियां” नामक आपकी एक पुस्तक प्रकाशित की है। आप वर्तमान में लखनऊ में निवास करती है।


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