Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कृष्ण जन्माष्टमी

महेन्द्र सिंह कटारिया ‘विजेता’
सीकर, (राजस्थान)
********************

भाद्रपद कृष्ण अष्टमी
जन्में कृष्ण कन्हाई।
नन्द घर आनन्द भयों
घर – घर बजे बधाई।…..

आततायी कंस ने
ऐसा मचाया अत्याचार।
द्वापरयुग मथुरा नगरी में
छायी चहुंदिशा हाहाकार।
पिता उग्रसेन को
राजगद्दी से दिया उतार।
बहन देवकी-वसुदेव को
बंदी किया कारागार।
हो व्यथित नर-नार ने
प्रभु को पुकार लगाई।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी…..।

श्रीविष्णु के अष्टम रूप में
अवतरित हुए मदन मुरार।
दुश्वार घड़ी में रक्षा खातिर
था श्यामसुंदर का इन्तजार।
घनघोर घटाटोप मध्यरात्रि
सर्वपालक ने अवतार लिया।
नवजात शिशु रूप में
अथाह यमुना को पार किया।
वृंदावन में यशोदा आँगन
बजे ढ़ोल शहनाई।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी……।

नटखट नटवर नागर ने
बालपन में लीला रचाई।
बालसुलभ स्तनपान मस्ती में
पूतना राक्षसी मार गिराई।
बाल सखाओं के संग
माखन मिश्री चुराई।
प्रेम अलख जगाने को
यमुना तट पर बंशी बजाई।
सखियों संग हर्षित राधा
नंदगोपाल छवि नयन बसाई।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी…..।

सखा सुदामा के संग
संदीपनी आश्रम की पढ़ाई।
हलधर भाई की
जोड़ी बड़ी निराली।
तृणावर्त, वत्सासुर, बकासुर,
अघासुर राक्षसों को मार दिया।
काका अकरूर संग मथुरा पहुंच
मामा कंस का संहार किया।
नगर नगर आनंद उमंग छाई।
भाद्रपद कृष्ण अष्टमी……।

परिचय :- महेन्द्र सिंह कटारिया ‘विजेता’
निवासी : सीकर, (राजस्थान)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *