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यादें अपने साथ हमारी रखते हैं।

नवीन माथुर पंचोली
अमझेरा धार म.प्र.
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यादें अपने साथ हमारी रखते हैं।
लोग जो सबसे दुनियादारी रखते हैं।

रखते हैं वो पूछ-परख जज़्बातों की,
खुशियों में जो ग़म से यारी रखतें हैं ।

हाथ हमेशा सिर पर रहता है उनका,
जो अपनों की जिम्मेदारी रखतें हैं।

दूर है सूरज-चाँद यहाँ सबसे कितने,
फिरभी रोशन दुनियाँ सारी रखते हैं।

खेल यहाँ जब हम-आपस में होता है,
वो अपनों से बाज़ी हारी रखते हैं ।

परिचय :- नवीन माथुर पंचोली
निवास – अमझेरा धार म.प्र.
सम्प्रति – शिक्षक
प्रकाशन – देश की विभिन्न पत्रिकाओं में गजलों का नियमित प्रकाशन, तीन ग़ज़ल सन्ग्रह प्रकाशित।
सम्मान – साहित्य गुंजन, शब्द प्रवाह, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।


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