Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कलयुग

कु. हर्षिता राव
चंदू खेड़ी भोपाल म.प्र.

********************

जब जन्मे थे धरती पर हम,
ईश्वर ने यह सिखलाया था,
चोरी, बेईमानी और हिंसा,
मरते दम तक तुम मत करना,
हृदय को जो आघात करे,
ऐसा भ्रष्ट आचरण मत करना।

युगों-युगों तक भगवन अपना,
रूप बदलकर आते गए,
इस बिगड़े संसार को सुधारने,
वे ज्ञान का दीपक जला गए।

पर युग बदले,बदला जीवन,
मानव भी तो अब बदल गया,
इस कलयुग के माया दानव का,
जाल सब पर बिखर गया।

आज इस संसार में,
लूटपात निरंतर बढ़ रहा,
खुद की यह तस्वीर देखकर,
मानव फिर भी बिगड़ रहा।

भगवान भी यह देखकर,
सबके विषय में सोचकर,
आज भी परेशान है,
भ्रष्टता ही इस जगत की,
बन चुकी पहचान है।

.

परिचय : कु. हर्षिता राव
पिता – श्री रमेश राव पेंटर (प्रेरणा स्त्रोत)
निवासी – चंदू खेड़ी भोपाल म.प्र.
शिक्षा – एम.ए.हिंदी साहित्य में अध्ययनरत,
राष्ट्रीय सेवा योजना (एन.एस.एस) की स्वयं सेविका एवं सामाजिक कार्यकर्ता।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻 hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *