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विनोद वर्मा “आज़ाद”
देपालपुर
बात उन दिनों की है जब धार्मिक गतिविधियों के प्रचार – प्रसार की शुरुआत को कोई ५,६ साल ही हुए थे। उस काल मे चुनिंदा जगह नवरात्रि में गरबे, भजन, कवि गोष्ठियां,कवि सम्मेलन, आर्केस्ट्रा आदि होना प्रारम्भ हुए थे। ऐसे वक्त में नगर के एक उदीय मान बालक जिसकी उम्र लगभग १७ वर्ष थी ने हिम्म त जुटाई और अपने कुछ मित्रों को साथ लेकर अति प्राचीन देवी माता मंदिर पर प्रथम भजन संध्या का आयोजन किया, जिसमे एक सशक्त राजनेता ने उस भजन संध्या में अपनी युवा संगीत मंडली के साथ भजनों की शुरुआत की।
छोटा सा मंच ओटले पर बना हुआ, वही माता एवम बहनों की अपार भीड़, पुरुषों का भी भारी जनसमूह इस भजन संध्या में भजनों की बयार का आनन्द लेने उप स्थित था। रात्रि ३ बजे तक भजन संध्या में माता के भजनों एवं राष्ट्रीय गीतों के साथ “मां तू कितनी अच्छी है, तू कितनी भोली है, प्यारी-प्यारी है ओं मां-ओ मां” को सुनकर खूब दाद दी।
माताओं की आंखों से आंसुओं का सैलाब बह निकला। कई पुरुष भी अपनी मां के नही होने के गम में अपने आंसू उस समय नही रोक पाए, जब भजन सम्राट ने कहा- “वो किस्मत वाले होते है,जिनके मां होती है”
उस नन्हे किशोरवय आयो जक बालक चिंटू वर्मा के नयनों से अश्रुधार बह निकली, क्योंकि ६ माह की उम्र में ही एक दुर्घटना में अपनी प्यारी मां को खो दिया था। माता यशोदा के रूप में बड़ी मां श्रीमती शांतादेवी वर्मा पालन पोषण कर रही थी और भाइयों की उंगली पकड़ आगे बढ़ रहा था।
पहली भजन संध्या देर रात्रि तक चलना और अपार जन समूह का इतनी रात्रि तक बैठकर धर्मध्वजा उठाये रखना देपालपुर के इतिहास में अनूठा आयोजन साबित हो रहा था।
राजा देवपाल की नगरी और १८५७ के प्रथम क्रांतिकारी शाहिद भगीरथ सिलावट की बलिदान स्थली तथा गुरु देव श्री श्री १००८ श्री जय करणदास जी महाराज की तपोस्थली देपालपुर में देश के ख्यात राजनेता व भजन सम्राट के रूप में पहचान बनाने वाले श्री कैलाश जी विजयवर्गीय ने प्रति वर्ष नवरात्रि पर एक रात माता जी के नाम देने की घोषणा की।
तब से लगातार यह भजन संध्या नित नई व्यवस्थाओं और मंचीय साज-सज्जा के साथ शनै: – शनै: विस्तार करते हुए विशाल आकार लेने लगी। इसमे हर बार श्री कैलाश जी के साथ देश के कई नामचीन कलाकार भजनों की गंगा बहाते रहे। साथ ही इसमे भजनों के साथ उस पर देवताओं का रूप धारण कर कभी बच्चों की प्रस्तुतियां हुई, कभी बड़े कलाकारों ने देवी-देवताओं का रूप धर नृत्य प्रस्तुत किया। कभी भोले भंडारी भोलेनाथ का नटराज नृत्य देखने को मिला कभी राधे-कृष्ण की जोड़ी का प्रेम-प्यार का सुंदर रूप देखने को मिला, कभी कृष्ण व मित्र सुदामा का करुण प्रेम व मित्र -देव मर्यादा देखी गई, कभी बजरंग बाबा की मस्ती तो कभी रामभक्ति का रूप लावण्य देखने को मिला। ख्यात संगीतकार व रामायण, महाभारत के आशु गायक श्री रविन्द्र जैन, कभी भजनों के लिए प्रख्यात लखबीरसिंह लक्खा २ बार, कुमार विशु,…. शारदा मंत्री चित्र-विचित्र, तृप्ति शाक्या आदि ने भक्ति रस में नगर वासियों को डूबा दिया।
अत्यधिक भीड़ का रिकार्ड बनता जा रहा था। फिर रविन्द्र जैन की भजन संध्या रखी गई जिसने सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए। रविन्द्र जैन आशु गायक थे, अपने साथी से स्थल, विशेषता जानकर उन्होंने नगर के व्यवसायियों की प्रसिद्धि पर गीत सुनाकर सबको हैरत में डाल दिया।
भजन संध्या में लगातार श्री कैलाश जी का आना और भजनों की गंगा बहाना जारी रहा। आपका परिवार इन आयोजनों में धर्म के प्रति अपनी प्रतिबद्धता उपस्थिति के साथ निभाता आया है। प्रत्येक भजन संध्या में इंदौर-धार, उज्जैन-देवास जिले तक के भजन प्रेमी बड़ी संख्या में आते रहे है।
आज विश्व का पांचवां धाम श्री २४ अवतार मन्दिर के रूप में विश्व विख्यात हो गया है। वहीं चिंटू वर्मा द्वारा आयोजित भजन संध्या के २४ वर्ष पूर्ण हो चुके है साथ ही लगातार २४ वर्षों तक एक ही मंच पर भजनों की प्रस्तुति देते हुए श्री कैलाश विजयवर्गीय एवं चिंटू वर्मा विश्व रिकॉर्ड बना चुके है।
आप दोनों को इसी मंच पर विश्व बुक ऑफ रेकॉर्ड लंदन द्वारा आज यहां सम्मान प्रदान किया गया। आज की साक्षी सप्रसिद्ध भजन गायिका आशा जी वैष्णव ने भी अलहदा अंदाज में अपार जनसमूह के बीच अनेकों गीतों की शानदार प्रस्तुति दी। कैलाश जी के गीतों पर दर्शक झुंड में झूमने लगे। वही उनके जाने के पश्चात आशा वैष्णव ने हर विधा के गीतों की प्रस्तुति दी। जो काबिल- ए-तारीफ रही।
वर्ष २०१९ आयोजन शुरू १९९६ से लगातार २४ वर्ष हो गए। विश्व रिकॉर्ड बन गया कैलाश विजयवर्गीय, चिंटू वर्मा का और नाम जुड़ गया। देपालपुर धाम का चिंटू वर्मा मित्रमंडल के संग। देवी महिषासुर मर्दिनी के प्रांगण का।
लेखक परिचय :-
नाम – विनोद वर्मा “आज़ाद” सहायक शिक्षक (शासकीय)
एम.फिल.,एम.ए. (हिंदी साहित्य), एल.एल.बी., बी.टी., वैद्य विशारद पीएचडी. अगस्त २०१९ तक हो जाएगी।
निवास – इंदौर जिला मध्यप्रदेश
स्काउट – जिला स्काउटर प्रतिनिधि, ब्लॉक सचिव व नोडल अधिकारी
अध्यक्ष – शिक्षक परिवार, मालव लोकसाहित्य सांस्कृतिक मंच म.प्र.
अन्य व्यवसाय – फोटो & वीडियोग्राफी
गतिविधियां – साहित्य, सांस्कृतिक, सामाजिक क्रीड़ा, धार्मिक एवम समस्त गतिविधियों के साथ लेखन-कहानी, फ़िल्म समीक्षा, कार्यक्रम आयोजन पर सारगर्भित लेखन, मालवी बोली पर लेखन गीत, कविता मुक्तक आदि।
अवार्ड – CCRT प्रशिक्षित, हैदराबाद (आ.प्र.)
१ – अम्बेडकर अवार्ड, साहित्य लेखन तालकटोरा स्टेडियम दिल्ली
२ – रजक मशाल पत्रिका, परिषद, भोपाल
३ – राज्य शिक्षा केन्द्र, श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान
४ – पत्रिका समाचार पत्र उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान (एक्सीलेंस अवार्ड)
५ – जिला पंचायत द्वारा श्रेष्ठ शिक्षक सम्मान
६ – जिला कलेक्टर द्वारा सम्मान
७ – जिला शिक्षण एवम प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) द्वारा सम्मान
८ – भारत स्काउट गाइड संघ जिला एवं संभागीय अवार्ड
९ – जनपद शिक्षा केन्द्र द्वारा सम्मानित
१० – लायंस क्लब द्वारा सम्मानित
११ – नगरपरिषद द्वारा सम्मान
१२ – विवेक विद्यापीठ द्वारा सम्मान
१३ – दैनिक विनय उजाला राज्य स्तरीय सम्मान
१४ – राज्य कर्मचारी संघ म.प्र. द्वारा सम्मान
१५ – म.प्र.तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी अधिकारी संघ म.प्र. द्वारा सम्मान
१६ – प्रशासन द्वारा १५ अगस्त को सम्मान
१७.- मालव रत्न अवार्ड २०१९ से सम्मानित।
१८ – श्री गौरीशंकर रामायण मंडल द्वारा सम्मान।
१९ – “आदर्श शिक्षा रत्न” अवार्ड संस्कार शाला मथुरा उ.प्र.।
२० – दो अनाथ बेटियों को गोद लेकर १२वीं तक कि पढ़ाई के खर्च का जिम्मा लिया।
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