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बस हकीकत बयां किया

वीणा वैष्णव “रागिनी” 
कांकरोली

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दुनिया हकीकत उजागर, कलम सदा मैंने किया।
अल्फाज बहुत चूभे सबको, पर ठहराव ना दिया।

बेजुबान जुबा बन कर सदा, सब बयां मैने किया।
द्वेष का सैलाब उमड़ा, उसे प्रेम से समझा दिया।

ख्वाब ना टूटे किसी के, ना गलत कुछ भी किया।
गलत जहां मुझे लगा, बस साफ-साफ कह दिया।

नकाबपोश चेहरा, बेनकाब सदा ही मैंने किया।
खामोश रही सदा, बस कलम कहर ही ढा दिया।

सच्चाई पाठ ऐसे, सब को सदा मैने पढ़ा दिया।
सद्भावना लाती कलम, इतिहास यूं दोहरा दिया।

कभी वक्त गलत मान, खुद खामोश मैने किया।
बड़ों के सम्मान में सदा, सर अपना झुका दिया।

अपनी मन वेदना को, कलम अंजाम मैंने दिया।
ना किया आहत किसी को, अपना काम किया।

कहती वीणा, लेखनी फर्क मैने कभी ना किया।
सच झूठ का फर्क, बस हौंसला दम मैंने किया।

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परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। कवितायें लिखने में आपकी गहन रूचि है।


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