Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

बस हकीकत बयां किया

वीणा वैष्णव “रागिनी” 
कांकरोली

********************

दुनिया हकीकत उजागर, कलम सदा मैंने किया।
अल्फाज बहुत चूभे सबको, पर ठहराव ना दिया।

बेजुबान जुबा बन कर सदा, सब बयां मैने किया।
द्वेष का सैलाब उमड़ा, उसे प्रेम से समझा दिया।

ख्वाब ना टूटे किसी के, ना गलत कुछ भी किया।
गलत जहां मुझे लगा, बस साफ-साफ कह दिया।

नकाबपोश चेहरा, बेनकाब सदा ही मैंने किया।
खामोश रही सदा, बस कलम कहर ही ढा दिया।

सच्चाई पाठ ऐसे, सब को सदा मैने पढ़ा दिया।
सद्भावना लाती कलम, इतिहास यूं दोहरा दिया।

कभी वक्त गलत मान, खुद खामोश मैने किया।
बड़ों के सम्मान में सदा, सर अपना झुका दिया।

अपनी मन वेदना को, कलम अंजाम मैंने दिया।
ना किया आहत किसी को, अपना काम किया।

कहती वीणा, लेखनी फर्क मैने कभी ना किया।
सच झूठ का फर्क, बस हौंसला दम मैंने किया।

.

परिचय : कांकरोली निवासी वीणा वैष्णव वर्तमान में राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय फरारा में अध्यापिका के पद पर कार्यरत हैं। कवितायें लिखने में आपकी गहन रूचि है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *