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बड़ी देर कर दी

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा

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जीवन की राह में,
नहीं चलती मर्जी,
समय पर चलना,
बड़ी देर कर दी।

समय का पाबंध,
नहीं हो खुदगर्जी,
देरी न हो अच्छी,
बड़ी देर कर दी।

दर्द कभी ना दो,
बनो नहीं बेदर्दी,
देरी भ्रष्टाचार हो,
बड़ी देर कर दी।

गर्मी जब बीतती,
फिर आती सर्दी,
सावन भी कहता,
बहुत देर कर दी।

मरीज दम तोड़ता,
चले डाक्टर मर्जी,
नहीं लगती अर्जी,
बहुत देर कर दी।

अन्न पैदा न हुआ,
कैसी खेती करली,
बीज बोया देर से,
बहुत देर कर दी।

विद्यार्थी फेल हो,
खूब लगाई अर्जी,
सालभर पढ़ा नहीं,
बहुत देर कर दी।

युद्ध में हार गया,
तत्परता न बरती,
चारों ओर घिरता,
बहुत देर कर दी।

मरीज बीमार हो,
लापरवाही बरती,
रोग ठीक न हुआ,
बहुत देर कर दी।

बढ़ा हुआ प्रदूषण,
हदें ही पार करली,
अब भी वक्त बचा,
बहुत देर कर दी।

रोग बढ़ता जाएगा,
जब लगी हो सर्दी,
वक्त है बचाव कर,
बहुत देर कर दी।

जोह रहा बाट वो,
अलविदा कर ली,
बेटा रोये देख देख,
बहुत देर कर दी।

सजग,प्रहरी बनो,
हो तुम्हारी मर्जी,
सदा नुकसान हो,
बहुत देर कर दी।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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