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बदनाम शायर

अनुपम अनूप “भारत”
रीवा मध्यप्रदेश

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एक वकत ऐसा भी आएगा,
मेरा नाम बदनाम शायरो मे लिया जाएगा।
महफिले होगीं टूटे दिलो की,
वहा पर मेरा लिखा नगमा सुनाया जाएगा।
आखों से नीर मुँह मे वाह होगी,
तेरे शहर से जब कभी मेरा जनाज़ा जाएगा।
मुझे भूलना इतना भी नही आसां,
तुम्हे यह बात तेरा आने वाला वक्त बताएगा।
तुम मेरी तस्वीर तो जला सकते हो,
क्या करोगे जब आईने मे चेहरा नज़र आएगा।
मेरी छोड़ो तुम तुम्हारी तुम बताओ,
ये मुमकिन हैं मेरे रहते तुम्हे कोई याद आएगा।
ये मोहब्बत नही हैं आसां अनुपम,
ये किस्सा किसी रोज कही कोई और बताएगा।
ये जख़्म हैं दिखता न, ही छुपता हैं,
मोहब्बत की हकीकत को मेरे यारों,
किसी मोड़ पे बैठा कोई गालिब बताएगा।

परिचय :-  अनुपम अनूप “भारत” रीवा मध्यप्रदेश

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