Friday, November 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

बदनाम शायर

अनुपम अनूप “भारत”
रीवा मध्यप्रदेश

********************

एक वकत ऐसा भी आएगा,
मेरा नाम बदनाम शायरो मे लिया जाएगा।
महफिले होगीं टूटे दिलो की,
वहा पर मेरा लिखा नगमा सुनाया जाएगा।
आखों से नीर मुँह मे वाह होगी,
तेरे शहर से जब कभी मेरा जनाज़ा जाएगा।
मुझे भूलना इतना भी नही आसां,
तुम्हे यह बात तेरा आने वाला वक्त बताएगा।
तुम मेरी तस्वीर तो जला सकते हो,
क्या करोगे जब आईने मे चेहरा नज़र आएगा।
मेरी छोड़ो तुम तुम्हारी तुम बताओ,
ये मुमकिन हैं मेरे रहते तुम्हे कोई याद आएगा।
ये मोहब्बत नही हैं आसां अनुपम,
ये किस्सा किसी रोज कही कोई और बताएगा।
ये जख़्म हैं दिखता न, ही छुपता हैं,
मोहब्बत की हकीकत को मेरे यारों,
किसी मोड़ पे बैठा कोई गालिब बताएगा।

परिचय :-  अनुपम अनूप “भारत” रीवा मध्यप्रदेश

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak mnch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *