Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

संघर्षो के नाम किया है

अख्तर अली शाह “अनन्त”
नीमच
********************

हाथ उठाने वालों की तुम,
लाइन में हमको मत रखना।
हमने जीवन का ये गुलशन,
संघर्षों के नाम किया है।।

ऊपर वाले ने जो हमको,
सोच समझ की दौलत दी है।
अच्छा और बुरा समझें हम,
बुद्धि दी है ताकत दी है।।
हमने कब अपना माना ये,
उसका जीवन उसका माना।
इसीलिए तो सारा जीवन,
संघर्षों के नाम किया है।।
हमने जीवन का ये गुलशन,
संघर्षों के नाम किया है।।

अपमानों के लड्डू पेड़ों,
से इज्जत की रोटी प्यारी।
हमने मेहनत की खुशबू से,
अपनी किस्मत सदा संवारी।।
हाथ पसारे नहीं रहे हम,
नहीं मांगकर हमने खाया।
लम्हा-लम्हा हर परिवर्तन,
संघर्षों के नाम किया है।।
हमने जीवन का ये गुलशन,
संघर्षों के नाम किया है।।

आग लगाने वालों ने तो,
हरदम आग लगाई बढ़कर।
झुलसाकर अपने मधुबन को,
हम ने आग बुझाई बढ़कर।।
नहीं देखती आग राह के,
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों को।
हमने सत्य न्याय का आंगन,
संघर्षों के नाम किया है।।
हमने जीवन का ये गुलशन,
संघर्षों के नाम किया है।।

जब-जब आलस के जेलर ने,
पांवो में बेड़ी डाली है।
जब-जब इंसानी गरिमा को,
बढ़कर दी उसने गाली है।।
चेतनता की किरणों से तम,
दूर भगाया है पग-पग का।
हमने बचपन और युवा मन,
संघर्षों के नाम किया है।।
हमने जीवन का ये गुलशन,
संघर्षों के नाम किया है।।

सारे जग को अपना माना,
दर्द सभी का उर में लाकर।
दिल को कड़ा किया है हमने,
अपमानो के पत्थर खाकर।।
दीप बना कोने-कोने में,
खुद को सदा जलाया तिल-तिल।
“अनंत” अपनों का अपनापन,
संघर्षों के नाम किया है।।
हमने जीवन का ये गुलशन,
संघर्षों के नाम किया है।।

परिचय :- अख्तर अली शाह “अनन्त”
पिता : कासमशाह
जन्म : ११/०७/१९४७ (ग्यारह जुलाई सन् उन्नीस सौ सैंतालीस)
सम्प्रति : अधिवक्ता
पता : नीमच जिला- नीमच (मध्य प्रदेश)


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *