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राष्ट्र हित में

दीपक्रांति पांडेय
(रीवा मध्य प्रदेश)

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चंद पंक्तियाँ राष्ट्र हित में, उन समस्त दंगाइयों के नाम एक संदेश, जो राष्ट्र में दंगे करवाते हैं, चाहे वह महिला हों या पुरुष।

हर वादे पूरे करते हैं, बातों के बिल्कुल सच्चे हैं।
मूर्ख समझते हैं हमको, अफसोस अभी तक बच्चे हैं।।
झूठ अभी तक फितरत में, वो राष्ट्रद्रोह कर जाते हैं।
जो राष्ट्र हितैषी होते हैं, वो सरहद पे मर जाते हैं।।

वह राष्ट्र हितैषी कभी नहीं, केवल द्रोही कहलाते हैं।
जो चंद सियासी लालच बस, घर में दंगे करवाते हैं।।
लंम्बे भाषण जो देते हैं, और राष्ट्र धर्म बतलाते हैं।
वह राणा की औलाद नहीं, अपनी औकात बतलाते हैं।।

वह नहीं लक्ष्मीबाई हैं, जो कल दंगे करवाई हैं।
नाहीं प्रताप की पुत्री हैं, जो घास की रोटी खाई हैं।।
चंद कौडियो की भूखी, नादान अभी तक बच्ची हैं।
परिपक्व नहीं हो पाई हैं, वह अक्ल कि पूरी कच्ची हैं।।

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परिचय :- दीपक्रांति पांडेय
निवासी : रीवा मध्य प्रदेश


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