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राम नाम में

बबली राठौर
पृथ्वीपुर टीकमगढ़ (म.प्र.)

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होत है राम नाम में,  जग के सारे धाम।
घबरा न तू तो बन्दे, जापो हरि का नाम॥

गौरा जब क्रोधित भई, मनावें हैं सब गण।
जब वो चण्डी बन गईं, सभी पखारें चरण॥

खड़े ईश्वर के द्वार, जोड़े दोनों हाथ।
काले धन जमा कारण, हुए कि फकीर आज॥

जब माँ की ज्योतें जलें, जगमग हो संसार।
तब आशीर्वाद मिलते, मंगल होते द्वार॥

थाल सजाए सब खड़े, माँ होय तेरी जय।
कि हाथ जोड़े सब खड़े, माँ टारो सबै भय॥

जो करते मेहनत हैं, होते सबके मीत।
कि लिखना नहीं सरल है, दोहा गजलें गीत॥

लाज गहना औरत का, कि जिन्दगी ससुराल।
बच्चे उसका खजाना, जीवन है खुशहाल॥

है चरणों में राम के, सारे चारो धाम।
और मिट जाते दुख वो, जब वे थामे हाथ॥

कृष्ण का अपमान किया, दिया नहीं सम्मान।
है दुर्योधन पछताया, जब लौट गए अमर (देव)॥

ठौर ठिकाने ना रहे, मइया खाओ तरस।
सबै दर्शन को बैठे, मइया दे दो दरस॥

परिचय :- बबली राठौर
निवासी – पृथ्वीपुर टीकमगढ़ म.प्र.
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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