Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

अगर ख्वाब ना होते

कंचन प्रभा
दरभंगा (बिहार)

********************

अम्बर के तारों में टिमटिमाहट न होती
चंदा की चांदनी में चमचमाहट न होती
सूर्य की तपन में गरमाहट न होती
जगती हुई आँखो में अगर ख्वाब न होते

ठंडी सी बयार में इठलाहट न होती
मेघ की धड़कन में गड़गड़ाहट न होती
बारिश की बूंदों में झमझमाहट न होती
जगती हुई आँखो में अगर ख्वाब न होते

चिड़ियों की बोली में चहचहाहट न होती
पेड़ों के पत्तों में सरसराहट न होती
फूलों के कलियों में खिलखिलाहट न होती
जगती हुई आँखों में अगर ख्वाब न होते

भवरों की गुंजन में भनभनाहट न होती
बच्चों के चेहरे की मुस्कराहट न होती
राही के गीतों में गुनगुनगुनाहट न होती
जगती हुई आँखों में अगर ख्वाब न होते

दुल्हन के घूँघट में शरमाहट न होती
गाँव की गोरी में छमछ्माहट न होती
प्रणय हृदय में प्रेम की आहट न होती
जगती हुई आँखों में अगर ख्वाब न होते

.

परिचय :- कंचन प्रभा
निवासी – लहेरियासराय, दरभंगा, बिहार
सम्मान – हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान से सम्मानित 

आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *