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काश अगर मैं पंछी होता

नफे सिंह योगी
मालड़ा सराय, महेंद्रगढ़ (हरि)

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खुला आसमां मेरा होता, सुखमय रैन बसेरा होता ।
चूमें ऊँचे पेड़ गगन को, शाखाओं पर डेरा होता ।।
काश ! अगर मैं पंछी होता…..

मनमौजी बन मन की करता, तजकर दिल से रंज व रंजिश।
न कोई होती हद व सरहद, न कोई बाधा, बंधन, बंदिश ।।
काश ! अगर मैं पंछी होता है…..

प्रकृति की गोद में खेलूँ, लूँ मनोहर , मोहक नजारा ।
आकर्षक आवाज लुभानी, सुंदरता का करूँ इशारा ।।
काश ! अगर मैं पंछी होता…..

पनपे नहीं प्रेम से पीड़ा, लेकर देश, धर्म, जाति को ।
एक जैसा सबको चाहता, जितना संबंधी, नाती को ।।
काश ! अगर मैं पंछी होता…..

बस मेहनत बलबूता होता, लगाम कभी न लगे लगन पे ।
उड़ता पंखों को फैलाकर, राज करूँ मैं नील गगन पर ।।
काश ! अगर मैं पंछी होता…..

चिंता मुक्त चेतना चित में, उर आजाद करे नभ विचरण ।
हिला-हिलाकर पंख बुलाता, मुक्त प्यार का करता वितरण।।
काश ! अगर मैं पंछी होता…..

बन निष्छल, निर्मल, निर्मोही, न पड़े छवि पर छल की छाया ।
न कोई इच्छा व अभिलाषा, जितना पाया, उतना खाया ।।
काश ! अगर मैं पंछी होता…..

बस मौसम मजबूरी मेरी, आँधी ओले राह न आएँ ।
पलभर में मंजिल पर पहुँचूँ, महीने भर रथ से लग जाएँ ।।
काश !अगर मैं पंछी होता…..

अंबर के आँचल को चूँमूँ , जब करता मन भरूँ उड़ारी ।
गलती से न गमन हो उस पथ, घात लगा जित बैठ शिकारी।।
काश ! अगर मैं पंछी होता…..

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परिचय :
नाम : नफे सिंह योगी मालड़ा
माता : श्रीमती विजय देवी
पिता : श्री बलवीर सिंह (शारीरिक प्रशिक्षक)
पत्नी : श्रीमती सुशीला देवी
संतान : रोहित कुमार, मोहित कुमार
जन्म : ९ नवंबर १९७९
जन्म स्थान : गांव मालड़ा सराय, जिला महेंद्रगढ़(हरि)
शैक्षिक योग्यता : जे .बी .टी. ,एम.ए.(हिंदी प्रथम श्रेणी)
अन्य योग्यताएं : शिक्षा अनुदेशक कोर्स
शारीरिक प्रशिक्षण कोर्स
योगा कोर्स में स्वर्ण पदक
वॉलीबॉल कोचिंग कोर्स
जूनियर कम्बैट लिडर कोर्स
कार्यक्षेत्र सैनिक कर्तव्य
अभिरुचियाँ : कविता लिखना,गाना,
योग करना-करवाना और जोश भरना
प्रकाशित पुस्तकें : देश की बात
मंजिल से पहले रुकना मत
मौत से मस्ती (काव्य संग्रह)
प्रकाशनाधीन कृति
मिलन (कहानी संग्रह)
ये फर्ज अदा करना होगा (काव्य संग्रह)
म्हारी माटी म्हारी शान (रागनियाँ)
विशिष्ट उपलब्धियाँ : १८ वर्षों से सैन्य पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन। सेना में डिवीजन स्तर पर कविता पाठ, निबंध लेखन एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में अनेक बार पुरस्कृत। हिंदी रक्षक मंच सहित… हिंदी साहित्य की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर स्वागत। स्वामी रामदेव योग गुरु द्वारा प्रशंसा पत्र। संयुक्त राष्ट्र संघ शांति सेना सेवा के दौरान ब्रिगेड कमांडर द्वारा पुरस्कृत। निर्मला स्मृति हरियाणा गौरव साहित्य सम्मान से सम्मानित। भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के कमान अधिकारी महोदय द्वारा विशिष्ट उपलब्धियों हेतु प्रशंसा पत्र और सेना में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी एवं मंच संचालन का २० वर्षों का अनुभव।


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