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मैं देश के प्रहरी को राखी बांधूगी

संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
भोपाल (मध्यप्रदेश)

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आया रक्षा बंधन पर्व।
मैं तो सर्वप्रथम अपने भारत।
देश के समस्त प्रहरियों को राखी।
बांधूगी, मेरा रक्षा बंधन पर्व तभी।
पूर्ण होवेगा।
जब मैं थल, जल और वायु तीनों।
सेनाओ के सैनिकों को जो।
भारत के प्रहरी बन हमारी।
रक्षा करते हैं, मैं उन्हें राखी बांधूगी।
भारत देश के प्रहरियों के कारण ही।
हम सब भारतवासी अपने देश में।
अपने घरों में सुरक्षित हैं।
देश के प्रहरी हमारी रक्षा।
दिन और रात जाग कर माइनस।
डिग्री तापमान में खड़े रहकर।
हमारी रक्षा करते हैं।
अपने परिवार को छोड़।
भारत देशवासियों की रक्षा रखते।
सर्वोपरि, इसलिए मैं उन सब।
प्रहरी भाईयों को सर्वप्रथम।
रक्षाबंधन पर्व पर राखी बांधूगी।

परिचय :- श्रीमती संगीता सूर्यप्रकाश मुरसेनिया
निवासी : भोपाल (मध्यप्रदेश)
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करती हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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