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मै झूक जाऊंगा

मनमोहन पालीवाल
कांकरोली, (राजस्थान)
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वक्त ओर हालात के आगे मै झूक नही पाऊंगा
तेरे हर इम्तां के आगे मै झूक नही पाऊंगा

इसां की लाशों के ढेर का हो रहा हे अपमान
पत्थर न हो, इंसां के आगे मै झूक नहीं पाऊंगा

सियासत बड़ी या इंसा की पड़ी हुई ख़ाक
दे इंसाफ़, उस ख़ाक के आगे मै झूक पाऊंगा

तूने तो बनाया ये संसार, रूठ गया हे क्यूं आज
मेरे यार जवाब दे सब के आगे मै झूक पाऊंगा

बस तेरे ही बंदो का ख्याल करले ए मालिक
हैसियत नहीं, अपनो के आगे मै रूक पाऊंगा

झोली फेला दुआ करता हे ये “मोहन” अब
ये कलयुग समेट ले तेरे आगे मै झूक जाऊंगा

परिचय :- मनमोहन पालीवाल
पिता : नारायण लालजी
जन्म : २७ मई १९६५
निवासी : कांकरोली, तह.- राजसमंद राजस्थान
सम्प्रति : प्राध्यापक
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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