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एक दिन अफसोस के मारे पछताओगे

अक्षय भंडारी
राजगढ़ जिला धार(म.प्र.)
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आँखों मे कब तक वो नज़ारे छुपाओगे
आँखों ओर पलको को
कब तक रुलाओगे,
नज़ारो को देख आखों को
आंसुओ में कब तक भिगाओगे,
एक दिन दोनो नज़ारे देख
थक कर रूठ जाएगी
अगर आखों में यू ही नज़ारे लिए बैठोगे
तो एक दिन
अफसोस के मारे पछताओगे।।

परिचय :- अक्षय भंडारी
निवासी : राजगढ़ जिला धार
शिक्षा : बीजेएमसी
सम्प्रति : पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्ता
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि सर्वाधिकार सुरक्षित मेरी यह रचना, स्वरचित एवं मौलिक है।


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