Tuesday, December 3राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मुझे अफसोस रहेगा

प्रीति शर्मा “असीम”
सोलन हिमाचल प्रदेश

********************

मुझे …….अफसोस रहेगा।

जिदंगीयों को,
अंधविश्वासों से दूर ले जाता।

प्यार से जिंदगी है।
यह बात समझा पाता।

विश्वास का,
एक छोटा-सा ही सही।
पर… एक घर बना पाता।

समझ कर भी,
न-समझी का खेद रहेगा।

मुझे …….अफसोस रहेगा।

अंधेरे दूर हो जायें,
दिलदिमाग से भरमों के।

अंधविश्वास की सोच से,
निकाल कर,
जो तर्क समझा पाता।

चिराग तो बहुत जलायें।

लेकिन……..?

चिरागों तले जो रहे अंधेरे,
उन्हीं का भेद रहेगा।

मुझे ……अफसोस रहेगा।

जिदंगी ईश्वर की अमूल्य नेमत।

नही दे सकता।
किसी बाबा का….कोई धागा।

हिम्मत से संवारो,
अपने जीवन को।

न खोना,
बहमों में अपने ,
आज और कल को।

भटकन को अपनी समेट कर।
ईश्वर का सत्य-संवाद रहेगा।

और तब तक वेद-विज्ञान रहेगा।
फिर न कोई खेद और न भेद रहेगा।

समझ जायें तो…. अच्छा है।
फिर न कोई अफसोस रहेगा।

.

परिचय :- प्रीति शर्मा “असीम”
निवासी – सोलन हिमाचल प्रदेश


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻 hindi rakshak manch 👈🏻 … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *