Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

भाती है हिन्दी

प्रमोद गुप्त
जहांगीराबाद (उत्तर प्रदेश)
********************

हमको सारा ज्ञान सिखाती है हिन्दी।
भाती है, बस हमको भाती है हिन्दी।

माँ के संग तूने ही जीना सिखलाया,
कैसे बने महान तुम ही ने समझाया,

संस्कारों को आचरण से कैसे जोड़ें –
बचपन से, यह हमें बताती है हिन्दी।

एक-दूजे को जोड़े, ऐसी कड़ी है तू,
इसीलिए सब भाषाओं से बड़ी है तू,

अन्य-अन्य भाषाओं के भी शब्दों को-
अपना समझ के गले लगाती है हिन्दी।

सभी विषय का ज्ञान समाया है तुझमें,
श्रेष्ठ-जीवन का रहस्य भी पाया है तुझमें,

व्यवहार करें हम कैसा, कहाँ जानते थे-
हमको सामाजिक-ज्ञान कराती है हिंदी।

परिचय :- प्रमोद गुप्त
निवासी : जहांगीराबाद, बुलन्दशहर (उत्तर प्रदेश)
प्रकाशन : नवम्बर १९८७ में प्रथम बार हिन्दी साहित्य की सर्वश्रेठ मासिक पत्रिका-“कादम्बिनी” में चार कविताएं- संक्षिप्त परिचय सहित प्रकाशित हुईं, उसके बाद -वीर अर्जुन, राष्ट्रीय सहारा, दैनिक जागरण, युग धर्म, विश्व मानव, स्पूतनिक, मनस्वी वाणी, राष्ट्रीय पहल, राष्ट्रीय नवाचार, कुबेर टाइम्स, मोनो एक्सप्रेस, अमृत महिमा, नव किरण, जर्जर कश्ती, अनुशीलन, मानव निर्माण, शाह टाइम्स, बुलन्द संदेश, बरन दूत, मुरादाबाद उजाला, न्यूज ऑफ जनरेशन एक्स, किसोली टाइम्स, दीपक टाइम्स, सिसकता मानव, आदि देश के अनेक स्तरीय समाचार पत्र व पत्रिकाओं एवं साझा संकलनों में- निजी/मौलिक रचनाएँ आदि निरन्तर प्रकाशित होती चली रही हैं ।
अन्य : कवि, लेखक, पूर्व संपादक, विभिन्न कवि सम्मेलनों में कविता पाठ एवं अनेक कवि सम्मेलनों का आयोजन, “प्रमोद स्वर” पाक्षिक समाचार पत्र का लगभग निरंतर २२ वर्ष सफल सम्पादन व प्रकाशन, कई स्तरीय समाचार-पत्रों के संवाददाता-प्रतिनिधि के रूप में समय-समय पर कार्य किया, वर्तमान में- जिला संयोजक-संस्कार भारती।
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं छायाचित्र के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा अवश्य कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय  हिन्दी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *