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मैं बँधन में नहीं लिखता

होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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आदत होती है इंसान की,
रहे दास या फिर आजाद,
दास जीवन नरक समान,
करता रहता वो फरियाद।

बंधन में बंधकर लिखना,
घुट घुटके मरने समान है,
आजादी में जो रहता हो,
वो जन जीवन महान है।

30 वर्ष से लिखता आया,
सीधा सादा इंसान दिखता,
रोब झाड़के कितने गये हैं,
मैं बँधन को नहीं लिखता।

बंधन में जीवन जो जिये,
हो जाये जीना तब हराम,
सारे जीवन ही अच्छे हो,
बुरा होता है बंधन काम।

बंधन में जीता था भारत,
गुलाम कभी देश अपना,
मन की बातें मन में रहे,
आजादी बन गया सपना।

वीर जांबाज लाख आये,
तोड़ डाले गुलामी बंधन,
अंग्रेजों के दांत किये खट्टे,
अंग्रेज घबरा करते क्रंदन।

खाना,पीना, हँसना, रोना,
सबके सब हैं बंधन मुक्त,
बंधन में एक बार बंधा,
मस्तिष्क हो जाता रिक्त।

पैदा होता इंसान आजाद,
बंधन में बंधता दिन रात,
लाखों बंधन बन जाते हैं,
कभी उसको लगती लात।

लिखने की आजादी पाई,
फिर क्यों लिखते बंधन में,
कभी तो खिलखिला हँसो,
क्या रखा जग के क्रंदन में।

बंधन में जो लिखता होता,
सच्चाई से वो मिलता दूर,
बंधन में जो जी रहा होता
घटता जाये तन -मन नूर।

जिसका धर्म ईमान ना हो,
वो जन हर कदम बिकता,
लाख आपदाएं सिर पर हो,
मैं बँधन को नहीं लिखता।

परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


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