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मैं जलता हूं… मेरे नाम…

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रचियता : कुलदीप पवार

मैं जलता हूं, मेरे नाम से कुलदीप।
 पर पूरा प्रयास करता हूं कि
किसी का दिल न जले मेरे काम से।।
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अदम्य साहस शक्ति और प्रकाश है
मुझमें, आपके विश्वास से।
मैं इसी तरह जलता रहूंगा, अपने नाम से।।
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पूछता है हर कोई ये मुझसे बड़े आराम से।
क्या मोहब्बत हवा से है!
जो जलते तो इतनी शान से।।
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मैं फिर मुस्कुरा कर इतराते कह दिया करता हूं,
मैं जलता हूं अपने नाम से।
रही बात मोहब्बत की तो,
दिल लगाया भी है
 इस कुलदीप ने उस राधे नाम से।।
दुनिया चलती हैं जिसके नाम से।।
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मैं जलता भी हूं, उसकी मोहब्बत में बड़ी शान से।
ग़ुरूर है मुझें उसका, वाकिफ़ भी हूं
जिंदगी के हर इम्तिहान से।।
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मैं कुलदीप जलता भी हूं तो अपने नाम से।।
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लेखक परिचय :- 
नाम – कुलदीप पवार
निवास – इंदौर मध्यप्रदेश


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