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परिंदा हूँ मैं

विजय पाण्डेय
महूँ जिला इंदौर

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रूठना मनाना मुझें,
आता नहीं।
किसी को कभी मैं,
सताता नही।

वक्त का मारा,
परिंदा हूँ मैं।
उड़ना भी चाहूँ मैं ,
उड़ पाता नहीं।

जिंदगी के रन्ज गम,
सह पाता नहीं।
रूठना मनाना मुझें,
आता नहीं।

गैरों के घर मेरा,
आशियाना बना हैं।
कब टूट जाए ये,
मैं जताता नहीं।

जो खुद ही तपन में,
जलता रहा हैं।
वो और का आशिया
जलाता नहीं

रूठना मनाना मुझें,
आता नहीं।
किसी को कभी मैं,
सताता नहीं।

धर्म भी कोई मैं,
निभाता नहीं।
मैं आरति बंदन,
गाता नही।

मैं मन्दिर,मस्जिद,
बताता नहीं।
किसी को कभी मैं,
सताता नहीं।

.

परिचय :– विजय पाण्डेय
पिता- श्री रामलखन पाण्डेय
माता- मानवती पाण्डेय
जन्म तारीख : १६/०६/१९८४
जन्म स्थान : लदबद बाणसागर शहडोल, मध्यप्रदेश
वर्तमान निवास : महूगाँव महू जिला इंदौर
शिक्षा : बी.ए
व्यवसाय : नौकरी लयुगांग इंडिया पीथमपुर


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