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मै कामगार हूँ

गोविंद पाल
भिलाई, दुर्ग (छत्तीसगढ़)

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बहुत उम्मीदें बांधी थीं हमने तुमसे
हम भी देखे थे कितने सारे सपने,
अपना समझकर सत्ता पर बिठाया
पर तुम नहीं निकले कभी अपने।

समझने की कभी कोशिश नहीं की
कैसे बनायें रखें हमारा स्वाभिमान,
जब बुनियादी हक ही हमें न मिले
तो समझो ये मानवता का अपमान।

हम तो कामगार है हम कामचोर नहीं
पर हमें उचित रोजगार और काम दो,
खैरात बांट बांट कर पंगु बना दिये हो
अब हमें कामचोर का न बदनाम दो।

अशिक्षित अनपढ़ और गंवार हूँ भले ही
पर मैं आत्मसम्मान के लिए लड़ता हूँ,
हो सकता है तुम ढेरों पुस्तक पढ़े होंगे
पर मैं तो जिन्दगी का किताब पढ़ता हूँ।

हैसियत की बातें मत करो तुम मुझसे
पूंजी है मेरी जिंदादिली की खुद्दारी,
उॠण होने के लिए बहाता हूँ पसीना
नहीं कर सकता हूँ धरती माँ से गद्दारी।

पर शोषण के खिलाफ ऊंगली उठाता हूं
जो हक के लिए संघर्ष करना है जरूरी,
इंसानियत का तकाजा तो यही कहता है
क्यों न रहे आपस में एक दूजे के आभारी।

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परिचय :गोविंद पाल
शिक्षा : स्नातक एवं शांति निकेतन विश्व भारती से डिप्लोमा इन रिसाइटेशन।
लेखन : १९७९ से
जन्म तिथि : २८ अक्तूबर १९६३
पिता : स्व. नगेन्द्र नाथ पाल,
माता : स्व. चिनू बाला पाल
पत्नी : श्रीमति दीपा पाल
पुत्र : प्लावनजीत पाल
निवासी : भिलाई नगर, दुर्ग (छत्तीसगढ़)
प्रकाशन :
परमात्मा के खिलाफ (कविता संग्रह – २००२) शब्द भारती प्रकाशन इलाहाबाद उ. प्र.
मुन्ना बोला (बाल कविता संग्रह – २००३) वैभव प्रकाशन रायपुर, छत्तीसगढ़
हांटूर नीचेर मानूष (बांगला कविता संग्रह – २००४) मिहिर प्रकाशन दुर्ग, छत्तीसगढ़
चिंटू का वादा बाल कहानी संग्रह – २००५) लोकहित प्रकाशन – दिल्ली
टकला बाबा (बाल नाटक संग्रह – २००५) लोकवाणी प्रकाशन – दिल्ली
बोनसाई (कविता संग्रह – २००९) देश भारती प्रकाशन – दिल्ली
इसके अलावा तीन पुस्तकें शीघ्र प्रकाशनाधीन
प्रसारण : आकाश वाणी तथा दर्जनों टी व्ही चैनलों से बाल कविता, बाल नाटक एवं हास्य व्यंग्य व अन्य कविताओं का प्रसारण
पुरस्कार व सम्मान :
१. अ. भा. अंबिका प्रसाद दिव्य रजत अलंकरण से अलंकृत – २००६
(बाल कहानी संग्रह चिंटू का वादा के लिए)
२. शब्द रत्न मानद उपाधि से सम्मानित किया गया- २०१२
अखिल भारतीय काव्य संग्रह प्रतियोगिता में पुरे हिंदुस्तान से आये हुए २०० काव्य संग्रह में से सबसे उत्कृष्ट कविता संग्रह के रूप में बोनसाई को प्रथम पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया एवं “शब्द रत्न” मानद उपाधि से नवाजा गया।
३. २००८ – रामसेवक सक्सेना स्मृति बाल साहित्य सम्मान बाल साहित्य शोध केन्द्र भोपाल में डा. राष्ट्र बंधु के कर कमलो द्वारा
४. २००९ – बाल वाटिका सृजन सम्मान, भीलवाड़ा राजस्थान
५. २०१० – बाल साहित्य शिखर सम्मान खटिमा उधमसिंह नगर, उत्तराखंड द्वारा,
६. तीन अप्रैल से बारह अप्रैल २०१८ तक बांग्लादेश की साहित्यिक यात्रा में बांग्लादेश के कई शहरों में बांग्लादेश के सचिवालय में कविता पाठ एवं की पुरस्कार विजेता सम्मान प्राप्त।
७. हाल ही में म.प्र. साहित्य अकादमी के सुप्रसिद्ध कवि, लेखक व समीक्षक एवं म.प्र. साहित्य अकादमी के संयोजक श्री घनश्याम मैथिल “अमृत” द्वारा लिखित समीक्षात्मक पुस्तक रचना के साथ साथ में हिंदुस्तान के सबसे उत्कृष्ट २८ पुस्तकों की समीक्षा में गोविंद पाल की काव्य संग्रह “बोनसाई” को भी शामिल किया गया है।


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