Thursday, November 7राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

दुख देते हैं जानबूझ कर

अख्तर अली शाह “अनन्त”
नीमच

********************

दुख देते हैं जानबूझ कर,
दुखियारों को बापू।
महिमामंडित करते हैं हम,
हत्यारों को बापू।।

देश जूझता आज तुम्हारा,
मजधारों में पल पल।
बढ़ते हैं विपरीत दिशा में,
छलिया करते हैं छल।।
बेच रहे हैं धनवानो को,
निर्धन के हक सारे।
श्रमजीवी मजबूर हो गए,
फिरते मारे मारे।।
गिरवी रखनेको आतुर घर,
दीवारों को बापू।
महिमामंडित करते हैं हम,
हत्यारों को बापू।।

व्यक्ति पूजा करने वाले,
देशभक्त कहलाते।
देशभक्त बेबस लगते हैं,
देश निकाला पाते।।
रहे प्रिय जो भारतमां को,
अपमानित होते हैं।
मनकी कहने किससे जाएं,
मन ही मन रोते हैं।।
करते तेज अहिंसावादी
तलवारों को बापू।
महिमामंडित करते हैं हम,
हत्यारों को बापू।।

सत्य अहिंसा सत्याग्रह के,
अब लाले पड़ते हैं।
देशद्रोहियों के सीनों पर,
हम मेडल जड़ते हैं।।
देश उसी का माना जाता,
जिसने अपना माना।
नाम भले कुछ धर्म भले कुछ,
जिसका देश ठिकाना।।
कुछ नाबीना न्योत रहे हैं,
अंधियारों को बापू।
महिमामंडित करते हैं हम,
हत्यारों को बापू।।

प्रजातंत्र की करें वकालत,
वंशवाद के रक्षक।
सेवा के पथ को त्यागा है,
बने हुए हैं भक्षक।।
जनकल्याण रखा खूंटी पर,
अपना घर भरते हैं।
अपराधी रेहबर बन बैठे,
कब किससे डरते हैं।।
“अनंत” विजयी घोषित करते,
हम हारों को बापू-बापू।
महिमामंडित करते हैं हम,
हत्यारों को बापू।।

परिचय :- अख्तर अली शाह “अनन्त”
पिता : कासमशाह
जन्म : ११/०७/१९४७ (ग्यारह जुलाई सन् उन्नीस सौ सैंतालीस)
सम्प्रति : अधिवक्ता
निवासी : नीमच जिला- नीमच (मध्य प्रदेश)


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमेंhindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … 🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻  hindi rakshak manch 👈🏻 … राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे सदस्य बनाएं लिखकर हमें भेजें… 🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *