Sunday, September 22राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

मानवता

ओमप्रकाश सिंह
चंपारण (बिहार)

********************

आज धरा पर उन्माद बड़ा है,
मानवता खतरे में पड़ा है!
“महाविनाश” की तैयारी मे
विश्व-पटल पर कुचक्र बढा हैं!
चीन राष्ट्र ही इसकी धुरी हैं
यह विस्तार वाद की नीति गढा है
आज “मानवता” खतरे में पड़ा है।
जल, थल, नभ में खतरे की,
महायुद्ध की उन्माद जगह है।
पुनः हिमालय कि तुंंग शिखर को,
दुश्मन फिर ललकार रहा है।
एटम, हाइड्रोजन नये प्रक्षेपास्त्र से
रण कौशल में सैन्य सजा है
आज धरा पर उन्माद बड़ा है।
भुखमरी बेरोजगारी से लड़ने के बदले
मानव-मानव का शत्रु बना है।
भारत की शांति नीति को
चीन पाक ठुकरा रहा है।
विश्व युद्ध की आहट से
मानवता खतरे में पड़ा है।
खबरदार हो जाओ दोनों
पुनः बुद्ध मुस्कुरा रहा है।

परिचय :- ओमप्रकाश सिंह (शिक्षक मध्य विद्यालय रूपहारा)
ग्राम – गंगापीपर
जिला – पूर्वी चंपारण (बिहार)
सम्मान – राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच इंदौर (hindirakshak.com) द्वारा हिन्दी रक्षक २०२० राष्ट्रीय सम्मान
घोषणा पत्र : मेरे द्वारा यह प्रमाणित किया जाता है कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.com पर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें …🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉 👉 hindi rakshak manch  👈… राष्ट्रीय हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…🙏🏻

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *