रोशन कुमार झा
झोंझी, मधुबनी (बिहार)
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मानवता मतलब मानव जो अपने घर परिवार समाज के लिए जो भलाई करता, इसके प्रमुख रूप दया, प्रेम, सहनशीलता, संघर्ष आदि है। यहाँ हम मानवता से सम्बंधित रचना प्रस्तुत किये है। :-
बात हम बग़ल वाली की ही कर रहा हूँ, वही कोमल, बेबी, मीना की, उसकी नहीं उसकी मानवता की, वह तीनों मानव सेवा को पूजा पाठ और अपना धर्म मानती, तीनों अंधेरा में रोशन, दुख में सुख करके आनंद करने वाली, कुछ देकर तो कुछ अपनी मधुर वचन से वह कैसे तो जानिए, उन तीनों की घर की आस पास राखी नाम की ग़रीब लड़की रहती रही, बेचारी पढ़ना चाहती पर कैसे पढ़ती, लेकिन पढ़ी भी वह कैसे? तो वही कोमल, बेबी, मीना, राहुल, राजन के सहयोग से, पांचों मिलकर राखी की विद्यालय की शुल्क जमा करते, उसे किताब कॉपी खरीदकर देते और अरुण निःशुल्क ही पढ़ाते, इस तरह राखी बारहवीं तक पढ़ी, उन लोगों के सहयोग से। तो इस लघु कथा से हमें यही सीख मिलती है, कि हमें भी समाज में कुछ करना चाहिए, किसी को भी अपनी सहयोग से नव जीवन देना चाहिए।।
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सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
निवासी : झोंझी, मधुबनी, बिहार,
घोषणा पत्र : प्रमाणित किया जाता है कि रचना पूर्णतः मौलिक है।
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