रचयिता : राजदीप सिंह तोमर
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इज़हार कैसे करे
इज़हार कैसे करे,
उसे करना नहीं आता।
सुख-दुख और प्यार,
उसे दिखाना नहीं आता।
जलते हैं,तन उसके,
सूर्य की रोशनी से।
पर वो पिता है,
उसे हारना नहीं आता।
घर के आंगन में ,
खुशियों का तोहफा वो लाता है।
खुशियां भले ही छोटी हो,
पर मजा बहुत आता है।
डगर कितनी भी कठिन हो,
उस पर चलना उसे आता है।
वो पिता है, उसे
राह बनाना भी आता है।
जिंदगी की हर जंग,
वो जितना चाहता हैं।
बस अपनों से हारकर वो,
जश्न मनाना चाहता है।
स्वयं के लिए नहीं,
अपनों के लिए जीता है।
वो पिता है, उसे,
हारकर जीतना भी आता है।
परिचय :- नाम – राजदीप सिंह तोमर पिता – श्री गजेंद्र सिंह तोमर
आप नरसिंग टोला बैहर, जिला बालाघाट, मध्यप्रदेश निवासी हैं, इंदौर में रहकर रेनेसॉ विश्वविध्यालय इंदौर में पत्रकारिता विषय में अध्ययन कर रहे हैं। आप शौकिया तौर पर कविताएं लिखते हैं।
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