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कितनी प्रतिलिपियाँ

रचयिता : शिवम यादव ”आशा”

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कितनी प्रतिलिपियाँ

इस जिंदगी में बहुत    
घटनाएँ घटी हैं मेरे यार
 कितनी और सत्य
  प्रतिलिपियाँ
   भेजूँ तुम्हें मेरे यार
  जिंदगी की जंग में
अकेला लङता रहा हूँ 
       खुद से
क्योंकि समस्या मेरी थी
तुम्हें साथ कैसे ले 
    सकता था मेरे यार
 कुछ यादों से भरी हैं
कुछ घटनाओं से बनीं हैं
ये जिंदगी की प्रतिलिपियाँ
       हैं
इन्हें कैसे जला दूँ
    मेरे यार
लेखक परिचय : नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ”आशा” है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं
रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन “

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