Thursday, November 21राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

कैसे कह दूँ साल नया है

नफे सिंह योगी
मालड़ा सराय, महेंद्रगढ़ (हरि)

********************

धर्म सनातन, हिंदी भाषी,
कैसे कह दूँ साल नया है?
कुछ अंग्रेजी भारतवासी,
करते रोज बवाल नया है।।

सर्दी से मुरझायी कलियाँ,
कोहरे का मातम छाया है।
पर्वत छुपे बर्फ के नीचे,
साल नया नहीं आया है।।

शीतलहर का कहर जोर पर,
बादल में सूरज शर्माता।
सैनिक सरहद पे ठिठुर रहे,
न बुढों का बिस्तर गर्माता।।

शिक्षा संग संस्कार जोड़ना,
न ये दिल में ख्याल नया है।
कुछ अंग्रेजी भारतवासी,
करते रोज बवाल नया है।।

कहते सब आजाद मुल्क है,
सब नियम नये बनाए हैं।
रिती-रिवाज, परंपरा अपनी,
खुद अपनों ने दफनाए हैं।।

सोच रही होगी भारत माँ,
देखो ! दिन क्या आया है?
अच्छे लगने लगे पराए हैं,
खुद अपना वर्ष भुलाया है।।

पीड़ का पर्वत आज पीठ पर,
लेकर खड़े विशाल नया है।
कुछ अंग्रेजी भारतवासी,
करते रोज बवाल नया है ।।

गोदी में सब लिये बहारें,
जब चैत्र प्रतिपदा आएगी।
इठलाती, बलखाती धरती,
दुल्हन जब बन जाएगी।।

नैन बिछाए बैठी प्रकृति,
प्यारे फागुन आने की।
देखे जैसे सैनिक पत्नी,
राह साजन के आने की।।

कैसे कहूँ सभी के आगे,
संकट ये विकराल बड़ा है।
कुछ अंग्रेजी भारतवासी,
करते रोज बवाल नया है।।

बहुत गुलामी सह चुके हैं,
और हम नहीं सहन करेंगे।
जितनी सभी रस्म पश्चिमी,
एक-एक कर दहन करेंगे।।

अपनी परंपराओं का हम,
मन से मिल मान बढ़ाएँगे।
हम सब हिंदी वासी हैं तो,
हम हिंदी वर्ष मनाएंगे।।

हिंदी भाषी हिंदी खातिर,
रोज बिछाता जाल नया है।
कुछ अंग्रेजी भारतवासी,
करते रोज बवाल नया है।।

.

परिचय :
नाम : नफे सिंह योगी मालड़ा
माता : श्रीमती विजय देवी
पिता : श्री बलवीर सिंह (शारीरिक प्रशिक्षक)
पत्नी : श्रीमती सुशीला देवी
संतान : रोहित कुमार, मोहित कुमार
जन्म : ९ नवंबर १९७९
जन्म स्थान : गांव मालड़ा सराय, जिला महेंद्रगढ़(हरि)
शैक्षिक योग्यता : जे .बी .टी. ,एम.ए.(हिंदी प्रथम श्रेणी)
अन्य योग्यताएं : शिक्षा अनुदेशक कोर्स
शारीरिक प्रशिक्षण कोर्स
योगा कोर्स में स्वर्ण पदक
वॉलीबॉल कोचिंग कोर्स
जूनियर कम्बैट लिडर कोर्स
कार्यक्षेत्र सैनिक कर्तव्य
अभिरुचियाँ : कविता लिखना,गाना,
योग करना-करवाना और जोश भरना
प्रकाशित पुस्तकें : देश की बात
मंजिल से पहले रुकना मत
मौत से मस्ती (काव्य संग्रह)
प्रकाशनाधीन कृति
मिलन (कहानी संग्रह)
ये फर्ज अदा करना होगा (काव्य संग्रह)
म्हारी माटी म्हारी शान (रागनियाँ)
विशिष्ट उपलब्धियाँ : १८ वर्षों से सैन्य पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर प्रकाशन। सेना में डिवीजन स्तर पर कविता पाठ, निबंध लेखन एवं वाद-विवाद प्रतियोगिताओं में अनेक बार पुरस्कृत। हिंदी रक्षक मंच  (hindirakshak.com) सहित… हिंदी साहित्य की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओं का निरंतर स्वागत। स्वामी रामदेव योग गुरु द्वारा प्रशंसा पत्र। संयुक्त राष्ट्र संघ शांति सेना सेवा के दौरान ब्रिगेड कमांडर द्वारा पुरस्कृत। निर्मला स्मृति हरियाणा गौरव साहित्य सम्मान से सम्मानित। भारतीय सेना के दक्षिणी कमान के कमान अधिकारी महोदय द्वारा विशिष्ट उपलब्धियों हेतु प्रशंसा पत्र और सेना में सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी एवं मंच संचालन का २० वर्षों का अनुभव।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *