होशियार सिंह यादव
महेंद्रगढ़ हरियाणा
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हँसो, खेलो, कूदो, मुस्कुराओ,
सुख दुख हरदम स्वाद चखो,
दूसरों की सहायता कर देना,
मन में कोई दुविधा मत रखो।
काम करो सदा सोच समझ,
वरना पड़ जाता है पछताना,
जो रूठकर जाना चाहते हो,
बस उन्हें प्यार से समझाना।
राह चलना सदा हँसते गाते,
देश विकास का एक तराना,
आगे बढऩे की ललक रखो,
एक दिन याद करेगा जमाना।
पाप कर्म जो करता जगत में,
हो जाता जन का जरूर नाश,
आजादी मिली हमको प्यारी,
बनकर नहीं रहना कभी दास।
संसार में कुछ करने को आये,
पाप कर्म में कभी नहीं गंवाये,
दाता का निर्मित किया संसार,
होठों पर ये खुशियां गुनगुनाये।
सरस,रसधार मन में रखना है,
पाप, नीच, अधम मत बनना,
खुद भी बढ़ों औरों को बढ़ाए,
बस दिल में ताना बाना बुनना।
सिकंदर जैसे कितने ही आये,
एक दिन उनका सूर्य भी अंत,
बस चार दिनों की जिंदगी है,
कह गये कितने ही साधु संत।
मन में कोई भी मैल नहीं हो,
सलिल गंगा सा पावन जीवन,
हँसते हुये गुजारे जो जिंदगानी,
करनी नहीं जगत में मनमानी।
आशा अरु विश्वास अडिग हो,
मंजिल पर चलते ही जाना है,
लाख हजार कोस बेशक दूरी,
एक दिन वह मंजिल पाना है।
धर्म मार्ग की नींव होती पक्की,
कभी नहीं जग बनना है शक्की,
आदत हो बस भागीरथ प्रयास,
दृढ़ संकल्पित हो मन विश्वास।
कौन जहां में किसको चाहता,
याद सदा रहे जन की हिम्मत,
सुख दुख को जो सम मानता,
नहीं होगी कभी इंसान दुर्गत।
आओ मंजिल की ओर चलें,
कभी मनमाने न विचार बको
कहना है तो बस करना होगा,
मन में कोई दुविधा मत रखो।
परिचय :- होशियार सिंह यादव
जन्म : कनीना, जिला महेंद्रगढ़, हरियाणा
पिता : स्व. श्री जयनारायण (कवि) एवं गोपालक देहांत १९८९
मां : स्व. मिश्री देवी गृहणि देहांत २०१६
निवासी : महेंद्रगढ़ हरियाणा
शिक्षा : पीएच. डी. (जारी) एम. एससी (बायो एवं आईटी), एम.ए. (हिंदी, अंग्रेजी एवं राजनीति शास्त्र), एमसीए, एम. एड., पीजी डिप्लोमा इन कंप्यूटर, पी जी डिप्लोमा इन जर्नलिज्म एवं मास कम्यूनिकेशन, पी जी डिप्लोमा इन गांधियन स्टडिज, गोल्ड मेडलिस्ट पंजाब वि.वि.।
रचनाएं : अब तक विभिन्न विषयों पर २४ पुस्तकें प्रकाशित। राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित, विभिन्न पत्र एवं पत्रिकाओं में कहानी, लेख, मुक्तक, क्षणिकाएं, प्रेरक प्रसंग, कविताएं प्रकाशित होती रहती हैं।
हरियाणा साहित्य अकादमी से अनुमोदित पुस्तकों में : आवाज, बाल कहानियां, उपयोगी पेड़ पौधे, शिक्षा एक गहना
व्यवसाय : लेखक, पत्रकार एवं शिक्षण कार्य में श्रेष्ठता।
सम्मान : हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड भिवानी द्वारा कहानी लेखन में प्रथम पुरस्कार सहित पांच दर्जन सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा सम्मानित। महेंद्रगढ़ न्यायाधीश द्वारा रजत पदक से सम्मानित। अरुंधती वशिष्ठ अनुंसधान पीठ द्वारा देशभर से आयोजित निबंध लेखन में एक्सीलेंस अवार्ड। हरियाणा के राज्यपाल से पुरस्कृत। तीन शोध भी प्रकाशित
घोषणा पत्र : मैं यह प्रमाणित करता हूँ कि मेरी यह रचना स्वरचित एवं मौलिक है।
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