Monday, December 23राष्ट्रीय हिन्दी रक्षक मंच पर आपका स्वागत है... अभी सम्पर्क करें ९८२७३६०३६०

होके तुमसे जुदा

दामोदर विरमाल
महू – इंदौर (मध्यप्रदेश)

********************

होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर…

तेरी गुस्ताखियों को हमने किया अनदेखा।
तेरे संग ही जुड़ी है मेरे हाथों की रेखा।
तुम जो रूठोगे तो दुनिया से चले जाएंगे…
होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर…

तेरी वजह से मेरी ज़िंदगी खुशहाल हुई।
मेरी किस्मत तेरे आने से मालामाल हुई।
जाने अनजाने में तुझे न अब सताएंगे…
होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर…

मुझपे रखना यकीन ये तुझे है कसम।
मेरी हर बात में तेरा नाम रखता हूँ सनम।
सातों जनमो का तुझसे रिश्ता हम निभाएंगे…
होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर…

तेरे एहसानों को मैं भूल नही पाऊंगा।
तेरी ख़ाहिश के लिए खुद ही बिक जाऊंगा।
चाहे कितनी भी हो तकलीफ न बताएंगे…
होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर…

अपने हर शौक को मैंने दबा रख्खा है।
तुम्हे खुश रखने के काबिल बना रक्खा है।
देखना एक दिन तुम्हे याद बहुत आएंगे…
होके तुमसे जुदा हम यार कहां जाएंगे।
होके मजबूर तेरे पास चले आएंगे।
होके मजबूर…

.

लेखक परिचय :- ३१ वर्षीय दामोदर विरमाल पचोर जिला राजगढ़ के निवासी होकर इंदौर में निवास करते है। मध्यप्रदेश में ख्याति प्राप्त हिंदी साहित्य के कवि स्वर्गीय डॉ. श्री बद्रीप्रसाद जी विरमाल इनके नानाजी थे। आपके द्वारा अभी तक कई कविताये, मुक्तक, एवं ग़ज़ल व गीत लिखे गए है, जो आये दिन अखबारों में प्रकाशित होते रहते है। गायन के क्षेत्र कराओके गीत गाने में आप खासी रुचि रखते है।


आप भी अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि हिंदी रक्षक मंच पर अपने परिचय एवं फोटो के साथ प्रकाशित करवा सकते हैं, हिंदी रक्षक मंच पर अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, आदि प्रकाशित करवाने हेतु अपनी कविताएं, कहानियां, लेख, हिंदी में टाईप करके हमें hindirakshak17@gmail.comपर अणु डाक (मेल) कीजिये, अणु डाक करने के बाद हमे हमारे नंबर ९८२७३ ६०३६० पर सूचित अवश्य करें … और अपनी कविताएं, लेख पढ़ें अपने चलभाष पर या गूगल पर www.hindirakshak.com खोजें…🙏🏻

आपको यह रचना अच्छी लगे तो साझा जरुर कीजिये और पढते रहे hindirakshak.com हिंदी रक्षक मंच से जुड़ने व कविताएं, कहानियां, लेख, आदि अपने चलभाष पर प्राप्त करने हेतु हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें 👉🏻hindi rakshak manch 👈🏻 हिंदी रक्षक मंच की इस लिंक को खोलें और लाइक करें … हिंदी रक्षक मंच का सदस्य बनने हेतु अपने चलभाष पर पहले हमारा चलभाष क्रमांक ९८२७३ ६०३६० सुरक्षित कर लें फिर उस पर अपना नाम और कृपया मुझे जोड़ें लिखकर हमें भेजें…

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *