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झोंझ

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रचयिता : शिवम यादव ”आशा”

कितना सुन्दर घर है
जिसको कहते झोंझ हैं
तिनका-तिनका चुनकरके
खूब सजाती झोंझ है

जरा सहारा डाल का
ईंट गारा सूखे-साखे
खरपतवार का
बड़ी लगन और मेहनत
से कर डाला
निर्माण है झोंझ का

कितना
सुन्दर कितना
मनमोहक है
बनता जाता झोंझ
है जुगनूँ की मिट्टी
से देखो चमक
भी उठता
झोंझ है

रंग बिरंगे
नील गगन
में खाते
रहता गोते है
जरा सहारे
एक लकड़ी के
झूमता रहता
झोंझ है

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लेखक परिचय :-  नाम :- शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ”आशा” है इनका जन्म ७ जुलाई सन् १९९८ को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं, अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन”


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