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प्रहार कर

प्रहार कर

रचयिता : शिवम यादव ”आशा”

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कुनाल अपनी जिंदगी से इतना नाखुश था कि उसे कुछ भी सूझ ही नहीं रहा था, उसकी जिंदगी मानों थमती और चलती जा रही थी, कुनाल की जिंदगी में सबने ही दखल डाला था यहाँ तक की उसकी खुद भी जिंदगी ने उसपर दखल ऐसे दी थी कि उसने हार मानते मानते भी हार नहीं मानी थी, कुनाल के परिवार में छः सदस्य थे जिसमें कुनाल सबसे छोटा है उसके ऊपर लेकिन बोझ इस प्रकार है मानों वो परिवार में सबसे बङा हो, घर का सारा काम देखना अपने पिता की खेती का सारा काम देखता और स्वयं खेती में काम भी मेहनत से करता फसल आती बेची जाती और सारा धन घर के कामों व भाई बहन की पढ़ाई में खर्च होता है जिसपर कुनाल ने कभी भी जरा सा सोच भी नहीं किया कि आखिर मुझे भी पढ़ना है और क्या करना है सिवाय के परिवार के ऐसा नहीं है कि कुनाल पढ़ता नहीं था वो पढ़ता है लेकिन साधारण पढ़ाई जिस पर मामूली सा खर्च आता है जो आसानी से वहन किया जा सकता था लेकिन फिर भी उसके लिए खर्च होने वाले धन पर कई बातें व ताने दिए जाते हैं, कुनाल चाहता मैं काम वही करूँगा जिससे पूरी दुनिया मुझे मेरे नाम से जाने व सदियों के लिए मैं खुद को उदाहरण के तौर पर धरती पर अपनी एक पहचान छोङ सकूँ, बस यही बजह थी कि वो कभी भी पैसों से मोह नहीं करता न ही पाने की इच्छा करता सिर्फ़ो सिर्फ़ उसके मन में था तो अपने नाम की छाप छोङने की लालसा जो आज उसे मुंबई ले आई और कानपुर से मुंबई तक आने के वाकये ने ही उसे ऐसा झकझोर दिया कि वह अपना दर्द किसी को सुना नहीं सकता क्योंकि सुनने के लिए कोई पास न था जो था वो सुनने को तैयार नहीं था, कुनाल ने झेपते हुए अपने बैग से एक डायली निकाली और सफर के सारे अच्छे और बुरे अनुभव और खुद को जिन समस्याओं का सामना आज तक करता हुआ मुंबई पहुँचा था वो सब पेजों पर उतारने लगा और अब उसे ऐसा महसूस हो रहा था मानों जिस मंजिल को वो अब तक खोज रहा था वो स्वयं चलकर उसके पास आ गई हो, लिखने के जूनून का खुमार ऐसा चढ़ा की वो मुंबई का बहुत ही अच्छा स्क्रिप लेखक बनकर उभरा और यहीं नहीं रूका बल्कि उसने अपनी रिकार्ड की हुई ऑडियो कहानियों की शुरूआत की जिन्हें बहुत सारी दुनिया ने गले लगाया और साथ -साथ कुनाल को भी …
इससे सीखें कि
जो जुनून की लहर दिल में उठे, उसे थामने की कोशिश न कर
खुद समस्याओं से लङकर समस्या का हल बनकर उस पर प्रहार कर
लेखक परिचय : नाम शिवम यादव रामप्रसाद सिहं ”आशा” है इनका जन्म 07 जुलाई सन् 1998 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात ग्राम अन्तापुर में हुआ था पढ़ाई के शुरूआत से ही लेखन प्रिय है, आप कवि, लेखक, ग़ज़लकार व गीतकार हैं
रुचि :- अपनी लेखनी में दमखम रखता हूँ !! अपनी व माँ सरस्वती को नमन करता हूँ !!
काव्य संग्रह :- ”राहों हवाओं में मन “

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